कांग्रेस नेता राहुल गांधी (pic credit; social media)
Rahul Gandhi Alleges on Election Commision: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर निशाना साधा। उन्होंने महाराष्ट्र के चुनाव का डेटा दिखाकर आरोप लगाया कि राज्य विधानसभा चुनाव में धांधली हुई है। 40 लाख वोट रहस्यमयी तरीके से जोड़े गए।
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “महाराष्ट्र में 5 महीनों में लाखों मतदाताओं के नाम सूची में जोड़े गए, जो काफी चिंताजनक है। नए मतदाताओं के जुड़ने से हमारा संदेह बढ़ा और फिर शाम 5 बजे के बाद मतदान में भारी बढ़ोतरी देखी गई। लोकसभा चुनाव में हमारे गठबंधन की शानदार जीत हुई, लेकिन विधानसभा चुनाव में हमारे गठबंधन को पूरी तरह हार का सामना करना पड़ा, जो बहुत संदिग्ध है।”
राहुल गांधी ने कहा, “हमारे विश्लेषण में पता चला कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच एक करोड़ नए मतदाता जुड़ गए। हमने इस मुद्दे को चुनाव आयोग के सामने उठाया और एक लेख लिखा, जिसमें हमारा मुख्य तर्क था कि महाराष्ट्र का चुनाव चोरी किया गया।” राहुल ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची इस देश की संपत्ति है, लेकिन चुनाव आयोग ने इसे देने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही, आयोग ने सीसीटीवी फुटेज नष्ट करने की बात कही, जो चौंकाने वाला था।
महाराष्ट्र में शाम 5:30 बजे के बाद भारी मतदान की बात सामने आई, लेकिन हमारे लोगों ने बताया कि मतदान केंद्रों पर ऐसा कोई भारी मतदान नहीं हुआ। इन दो बातों से हमें पक्का यकीन है कि चुनाव आयोग भाजपा के साथ मिलकर चुनाव चोरी कर रहा है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, “हर लोकतंत्र में सत्तारूढ़ पार्टी को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ता है, लेकिन भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो इस लहर से प्रभावित नहीं होती।”
उन्होंने हरियाणा और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए कहा, “एग्जिट पोल, ओपिनियन पोल और कांग्रेस का आंतरिक सर्वेक्षण, जो काफी सटीक है, कुछ और संकेत दे रहे थे, लेकिन नतीजे पूरी तरह उलट आए। पोल कुछ और दिखा रहे थे, लेकिन नतीजे बिल्कुल विपरीत दिशा में आए, जिसमें बहुत बड़ा अंतर था।”
राहुल गांधी ने हाल के विधानसभा चुनावों के परिणामों पर सवाल उठाते हुए कहा, “देश के संविधान की नींव ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सिद्धांत पर टिकी है, लेकिन हाल के चुनाव परिणाम इस सिद्धांत को चुनौती देते नजर आ रहे हैं।” राहुल ने कहा, “हमारे आंतरिक सर्वेक्षण और नियमित ओपिनियन पोल एक खास रुझान दिखा रहे थे, लेकिन परिणामों में भारी बदलाव देखने को मिला। यह न केवल आश्चर्यजनक है, बल्कि संविधान के मूल सिद्धांतों पर भी सवाल उठाता है।”
(News Source-आईएएनएस)