किसानों को कब तक पूरी करनी है बुवाई। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
पुणे: पिछले कुछ दिनों से राज्य में भारी बारिश हो रही है। कोंकण में बारिश का सबसे बुरा असर देखने को मिल रहा है। एक तरफ जहां कुछ जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है, वहीं कुछ जिलों में अभी तक बारिश नहीं हुई है। ऐसे में किसान परेशान हैं कि कब बुआई करें। मौसम विभाग ने इन किसानों को सलाह दी है और बुआई की तारीख भी बता दी है।
पुणे मौसम विभाग के मौसम विज्ञानी माणिकराव खुले द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ‘जिन स्थानों पर अब तक हुई बारिश से नमी भरपूर है और जिनके पास सिंचाई की सुविधा है, वहां के किसानों को बुवाई करनी चाहिए। खानदेश, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के 18 जिलों के किसानों को बुधवार 18 जून से बुधवार 25 जून अमावस्या तक कुछ धूप निकलने की संभावना है। बेशक, किसानों को कृषि विभाग की सलाह के साथ-साथ अपने विवेक के आधार पर बुवाई का फैसला लेना चाहिए।
“हालांकि सोयाबीन जैसी फसलों के लिए भारी बारिश और पूरी तरह से डूब जाने की संभावना है, लेकिन किसानों को पानी डूबने के बाद सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होने पर ही बुवाई पर विचार करना चाहिए। क्योंकि खानदेश, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के 18 जिलों में भी आने वाले सप्ताह में धूप खिल सकती है। इसके अलावा, तुषार सिंचाई जैसी रुक-रुक कर बारिश की संभावना इस सप्ताह इन 18 जिलों में महसूस नहीं की जा सकती है,” माणिकराव खुले ने कहा।
इस साल मानसून समय से पहले आ गया। जब मानसून आया तो बारिश की तीव्रता अच्छी थी। लेकिन धीरे-धीरे इसमें कमी आई। पिछले दो-तीन दिनों में फिर से भारी बारिश शुरू हो गई है।
इस पर मौसम विशेषज्ञ ने कहा, ‘मानसून के प्रवाह की कम ताकत और मौजूदा एमजेओ के अपने वैश्विक दौर को पूरा करने के कारण, भले ही एमजेओ हिंद महासागर भूमध्यरेखीय चक्र के चरण 2 और 3 में काम कर रहा हो, इसका ‘आयाम’ (एक गोलाकार त्रिज्या पर उतरती कक्षा) या दोलन (दोलन शिखर और गर्त) एक से कम व्यापक वृद्धि-सीमा स्तर (आयाम) के रूप में देखा जाता है, जिसका अर्थ है कि लहर केंद्र रेखा के पास मंडराती हुई दिखाई देती है।
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इसलिए हमारे देश में मानसून की मजबूती के लिए उस सिस्टम की पूरकता की कमी और साथ ही अन्य कारणों से स्पष्ट सिस्टम की कमी महसूस की जा रही है। इसलिए फिलहाल एक और हफ्ते यानी बुधवार 25 जून तक खानदेश, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के 18 जिलों में भारी बारिश की संभावना नहीं है। बेशक, वातावरण में कुछ बदलाव ही इस पर काबू पा सकते हैं।
मानसून के बारे में माणिकराव खुले ने कहा, ‘तीन सप्ताह से एक ही स्थान पर अटका मानसून आगे बढ़ गया है और उत्तर के कुछ इलाकों को छोड़कर नासिक, अहिल्यानगर, संपूर्ण खानदेश, मराठवाड़ा और विदर्भ समेत पूरे महाराष्ट्र को अपने कब्जे में ले लिया है। मानसून भले ही आगे बढ़ गया हो, लेकिन फिलहाल उसके प्रवाह में कोई खास ताकत नहीं है।
इसलिए 18 से 25 जून के सप्ताह में मुंबई, कोंकण और विदर्भ को छोड़कर बाकी महाराष्ट्र में कहीं-कहीं हल्की बारिश होने की ही संभावना है। मुंबई और कोंकण में भारी बारिश होगी। जबकि घाटमाथा और विदर्भ में मध्यम बारिश की संभावना है।