पुणे : महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (Maharashtra Public Service Commission) को 2025 से नया पाठ्यक्रम (New Syllabus) लागू करने की मांग को लेकर पिछले दो दिनों से छात्र बालगंधर्व चौक (Student Balgandharva Chowk) पर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। इसी बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों (Protesting Students) से मुलाकात की। इस अवसर पर पवार ने धरना स्थल से ही छात्रों की मांगो को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से फोन पर बातचीत की। हलाकीं, उसके बाद भी विद्यार्थियों ने आंदोलन जारी रखा है। जब तक लिखित आदेश जारी नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेंगा, ऐसा विद्यार्थियों ने स्पष्ट किया है।
एमपीएससी परीक्षाओं के लिए नया पाठ्यक्रम 2025 से लागू करने की मांग को लेकर विद्यार्थियों ने बालगंधर्व चौक पर पिछले दो दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे है। पिछले कई महीनों से विद्यार्थी इसकी मांग कर रहे है। इसके खिलाफ पहले दो बार विरोध प्रदर्शन हो चुके है। हलाकीं, इसके बाद भी एमपीएससी ने अपना फैसला नहीं बदला। आयोग के निर्णय में बदलाव नहीं होने के कारण पिछले दो दिन से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों ने बालगंधर्व चौक पर भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
इस आंदोलन स्थल पर मंगलवार को रात करीब ग्यारह बजे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने भेंट देकर विद्यार्थियों से मुलाकात की। हजारों प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों के बीच में जाकर पवार ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। इस दौरान इलाका तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। पवार ने कहा, ‘2025 से पाठ्यक्रम लागू करने को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ बैठक की जाएगी। मैं इसमें छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ उपस्थित रहूंगा। पवार ने धरना स्थल से मुख्यमंत्री से फोन पर बात की। तब शिंदे ने बैठक करने का वादा की। पवार की इस घोषणा के बाद छात्रों ने ताली बजाकर और मोबाइल फोन की टॉर्च लगाकर उनका स्वागत किया।
लिहाजा पिछले दो दिनों से छात्रों का यह आंदोलन जारी है। आज आंदोलन का तीसरा दिन है। शरद पवार के मुलाकात के बाद भी विद्यार्थी आंदोलन पर कायम है। जब तक एमपीएससी लिखित आदेश जारी नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा, ऐसा स्टैंड विद्यार्थियों ने लिया है। जब भी हमने विरोध किया, हमें केवल आश्वासन दिया गया। लेकिन, आधिकारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है, ऐसी राय विद्यार्थीयों ने व्यक्त की। साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री पुणे आए हुए थे, लेकिन, उन्होंने प्रदर्शनकारी छात्रों से बात नहीं की, ऐसा खेद विद्यार्थियों ने जताया।