दूषित जल (सौ. सोशल मीडिया )
Pune Water Crisis: जिले में सितंबर 2025 महीने में की गई जैविक पानी के नमूनों की जांच में चिंताजनक तथ्य सामने आया है। कुल 2,496 नमूनों में से 126 पानी के नमूने दूषित पाए गए हैं। आंबेगांव और जुन्नर तहसील दूषित पानी के लिहाज से सबसे अधिक जोखिमपूर्ण साबित हुई हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों के स्वास्थ्य की दृष्टि से यह एक गंभीर स्थिति मानी जा रही है। जिले के कुल 13 तहसीलों में से आंबेगांव में सबसे अधिक 311 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 22 नमूने दूषित पाए गए।
जुन्नर तहसील में 341 नमूनों की जांच की गई जिनमें 23 नमूने दूषित पाए गए, जबकि खेड और हवेली तहसीलों में 18-18 नमूने दूषित मिले हैं। इसके अलावा पुरंदर में 10, शिरूर में 16, इंदापुर में 6, दौंड में 5 और बारामती में 8 नमूने दूषित निकले। वहीं भोर, मावल, मुलशी और वेल्हा तहसीलों में दूषित नमूनों की संख्या शून्य रही, जो एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
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जिले में 300 ब्लीचिंग पाउडर (TCL) नमूनों की जांच भी की गई। इनमें क्लोरीन की मात्रा के अनुसार केवल भोर और हवेली तहसीलों के दो-दो नमूने ही 20 प्रतिशत से कम क्लोरीन युक्त पाए गए। यानी पूरे जिले में केवल चार नमूने ही क्लोरीन के मानकों से नीचे हैं। इनमें भोर तहसील के पेंढालवाड़ी (14.21%), हर्णास (12.78%), तथा हवेली तहसील के पिंपरी सांडस (13.17%) और हिंगणगांव (14.91%) गांव शामिल हैं।