
पुणे न्यूज (सौ. डिजाइन फोटो )
Pune News In Hindi: शहर के मध्यवर्ती क्षेत्र छत्रपति शिवाजीनगर- मॉडल कॉलनी प्रभाग क्रमांक 12 में पहली एविएशन गैलरी, अत्याधुनिक सिटी लाइब्रेरी, बहुमंजिला मेट्रो स्टेशन और दोहरे फ्लाईओवर जैसे कई विकास कार्य पूरे हो चुके हैं, जबकि कुछ परियोजनाएं अभी प्रगति पर हैं।
बावजूद इसके, प्रमुख सड़कों पर लगातार लगने वाला यातायात जाम, ड्रेनेज व्यवस्था की उपेक्षा, अपर्याप्त जलापूर्ति, बरसात में बाढ़ जैसी स्थिति और झोपड़पट्टियों में मूलभूत सुविधाओं की कमी जैसी समस्याएं आज भी जस की तस बनी हुई हैं।
‘स्मार्ट’ कहे जाने वाले इस प्रभाग में बुनियादी सुविधाओं का अभाव स्पष्ट रूप से नजर आता है। पूर्व नगरसेवकों के कार्यकाल के साथ-साथ प्रशासक राज के चार वर्षों में भी प्रभाग की विभिन्न समस्याओं पर ठोस उपाय नहीं किए जा सके।
जंगली महाराज रोड,फर्ग्युसन रोड, सेनापति बापट रोड और प्रभात रोड पर पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होने से हमेशा यातायात जाम की स्थिति बनी रहती है।
वाहनों की भारी भीड़ के कारण पैदल यात्रियों के लिए सड़क पार करना मुश्किल हो गया है।प्रभाग की झोपड़पट्टी वडारवाडी में रहने वाले नागरिक पानी की कमी और कचरा प्रबंधन की समस्याओं से जूझ रहे हैं।
नागरिकों का कहना है कि इन मुद्दों पर पूर्व नगरसेवकों और प्रशासन ने लगातार अनदेखी की है।इस प्रभाग में उच्चवर्गीय और मध्यमवर्गीय आबादी अधिक है। शहर का केंद्रीय भाग और महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थान होने के कारण यहां नागरिकों की आवाजाही हमेशा बनी रहती है। इसके बावजूद सार्वजनिक शौचालयों की संख्या अपर्याप्त है। प्रमुख सड़कों पर बढ़ते अतिक्रमण पर भी प्रशासन का ध्यान नहीं है, जिससे नागरिक परेशान हैं।
बरसात के मौसम में पुलाची वाड़ी परिसर में हर साल बाढ़ जैसी स्थिति बनती है और घरों में पानी घुस जाता है। इस बार-बार होने वाली समस्या का स्थायी समाधान करने में प्रशासन असफल रहा है। उच्चवर्गीय इलाकों की सड़कों और प्रमुख चौराहों का सुशोभीकरण किया गया था, लेकिन उनके रखरखाव की ओर प्रशासन का ध्यान नहीं है। शिवाजीनगर मुख्यालय के पास फुटपाथ पर बच्चों के लिए लाखों रुपये खर्च कर खेल उपकरण लगाए गए है, लेकिन वहां किसी भी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई।
झुग्गी बस्तियों (स्लम एरिया) में अब भी मूलभूत सुविधाओं की कमी। जंगली महाराज रोड के अंडरपास में सुरक्षा व्यवस्था का अभाव। वाहनों की भीड़ के कारण पैदल यात्रियों को सड़क पार करने में कठिनाई। सड़कों और फुटपाथों पर अतिक्रमण से यातायात बाधित।विकास परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत की ओर मनपा प्रशासन की अनदेखी।
आरक्षण घोषित हो चुका है, लेकिन अधिकांश इच्छुक उम्मीदवार गठबंधन, आघाडी या स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के फैसले के बाद ही खुलकर सामने आने की संभावना है। अनुसूचित जाति वर्ग में महिला आरक्षण लागू होने से अधिकतर दलों को नए उम्मीदवार तलाशने पड़ेंगे, वहीं, नागरिकों के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का विकल्प खुलने से कई इच्छुकों की उम्मीदें बढ़ गई है।
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भाजपा से निवेदिता एकबोटे, स्वाती लोखंडे, अपूर्व खाडे, पूजा जांगड़े, अजय दुधाणे, मुकारी अलगुडे, सागर धोत्रे, संदीप काले, अपर्णा कुरहाडे, राजेश धोत्रे, राम महेत्रे, अनिल पाटोले, मंजू वाघमारे-सरोदे, सारिका अरविंद कांबळे, कांग्रेस से भाऊ गोरावडे, अजीत जाधव, नारायण पाटोले, सोनाली जाधव, संजय मोरे, कैलास मंजालकर, राहुल वंजारी, अविनाश बहिरट, जावेद निलगर, वासंती मौरे के समावेश है. राको (अजीत पवार गुट) से बालासाहेब बोडके, दयानंद इरकल, महेश हांडे, लावण्या शिंदे, मीरा आखाडे के नाम चर्चे में है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) से उदय महाले, अनिता पवार, रूपेश गायकवाड इच्छुक है।






