पुणे महानगरपालिका (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Pune News In Hindi: पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (PMRDA) द्वारा 23 गांवों का प्रारूप विकास आराखड़ा (ड्राफ्ट डेवलपमेंट प्लान) रद्द किए जाने के बाद, अब पुणे महानगर पालिका ने इन गांवों के नियोजन प्राधिकरण (Planning Authority) के अधिकार खुद को सौंपने को मांग की है।
मनपा आयुक्त नवल किशोर राम ने नगर विकास विभाग को इस संबंध में पत्र लिखकर यह मांग की है। 30 जून 2021 के शासनादेश के तहत म्हालुंगे, सूस, बावधन बुद्रुक, वाघोली समेत कुल 23 गांवों को पुणे महानगर पालिका के क्षेत्र में शामिल किया गया था।
इन गांवों के विकास नियोजन के लिए 14 जुलाई 2021 की अधिसूचना के तहत पीएमआरडीए को विशेष नियोजन प्राधिकरण नियुक्त किया गया था। बता दें कि महाराष्ट्र प्रादेशिक नियोजन एवं नगर रचना अधिनियम, 1966 की धारा 26 (1) के अनुसार, पीएमआरडीए ने 2 अगस्त 2021 को इन 23 गांवों के लिए प्रारूप विकास आराखड़ा जारी किया था और नागरिकों से आपत्तियां व सुझाव मांगे थे।
इस पर सुनवाई भी पूरी हो चुकी थी। हालांकि, इस प्रारूप विकास आराखड़ा के खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। 15 जुलाई 2025 को हुई सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार और पीएमआरडीए ने न्यायालय को सूचित किया कि उन्होंने यह प्रारूप विकास आराखड़ा वापस ले लिया है।
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म्हालुंगे, सूस, बावधन बुद्रुक, किरकटवाडी, पिसीली, कोडवे धावडे, कोपरे, नांदेड, खडकवासला, मांजरी बुद्रुक, न है, होलकरवाडी, औताडे होडेवाडी, बडाचीवाडी, शेवालेवाडी, नांदोशी, सणसनगर, मांगडेवाडी, भिलारेवाडी, निबालकरवाडी, जांभुलवाडी, – कोल्हेवाडी और वाघोली का समावेश है।