प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Leopard Sighting In Pune: औंध और एयरपोर्ट परिसर में तेंदुए की मौजूदगी की आधिकारिक पुष्टि होने के बाद शहर में दहशत और अफवाहों का बाजार गर्म हो गया है। स्थिति यह है कि वन विभाग को अब वास्तविक अलर्ट से अधिक फर्जी कॉल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जनरेटेड तस्वीरों से जूझना पड़ रहा है।
विभाग को प्रतिदिन मिलने वाले कॉल्स की संख्या में चार गुना से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, जिनमें से 90% से अधिक फर्जी साबित हो रहे हैं। एक वरिष्ठ वन अधिकारी के अनुसार, पहले विभाग को सप्ताह में लगभग 10 वास्तविक कॉल मिलते थे।
लेकिन औध और पुणे एयरपोर्ट पर तेंदुए की पुष्टि के बाद यह संख्या प्रति दिन 40 तक पहुंच गई है। इन कॉल्स में से लगभग 90% फर्जी दावे, गलतफहमी या सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे Al-जनरेटेड फोटो और वीडियो पर आधारित होते है।
पुणे फॉरेस्ट विभाग के रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर मनोज बारबीले ने बताया, ‘औध की घटना के बाद से हमें रोजाना करीब 40 कॉल मिल रहे हैं। प्रक्रिया के अनुसार हर कॉल की जांब आवश्यक है। हमारी टीम मौके पर जार प्रमाणों की जांच करती है, लेकिन पाया गया कि 90% दावे गलत है या AI द्वारा बनाई गई कई तस्वीरे है।’ उन्होंने कहा कि हर कॉल की पुष्टि करने की अनिवार्यता के चलते विभाग पर भारी और अनावश्यक दबाव बना हुआ है। जिसके कारण अतिरिक्त मानव संसाधन भी बुलाने पड़े है।
तेंदुए की पुष्टि दो व्यस्त और महत्वपूर्ण इलाकों में हुई है। एयरपोर्ट प्राधिकरण ने 19 नवंबर और 21 नवंबर को टैक्सी लिक K4 और वे नंबर 9 के पास ठेदुए को देखे जाने की सूचना दी थी। पिछले 15-20 दिनों से लोहगांव क्षेत्र में तेंदूर की मूवमेंट ट्रैक की जा रही है।
निगरानी के लिए कैमरा ट्रैप लगाए गए है और उसे सुरक्षित रूप से पकड़ने के लिए एक ट्रैप केज भी स्थापित किया गया है। औंध क्षेत्र में 22 नवंबर को आरबीआई कॉलोनी और सिंध सोसायटी क्षेत्र में तेंदुआ दिखाई देने की सूचना मिली, निरीक्षण के दौरान वन विभाग को तेंदुए के बाल और फुटप्रिंट मिले, जिससे उसकी मौजूदगी की पुष्टि हुई।
लगातार दो व्यस्त इलाकों में तेंदुए के दिखने के बाद शहर में दहशत फिल गई। सोशल मीडिया और वाट्सपेप ग्रुपों पर घोरपड़ी, चायरी, बावधन, गुरुवार पेठ में तेंदुआ दिखने के भ्रामक संदेश तेजी से फैलने लगे।
इन संदेशों के साथ अक्सर AI जनरेटेड फर्जी तस्वीरें और वीडियो संलग्न होते हैं, जो नागरिकों को अमित कर रहे है। उप वन संरक्षक (पुणे) महादेव मोहिते ने बताया कि AI से तैयार फोटो और वीडियो पहचानना सबसे कठिन है। पुलिस की मदद ली जा रही है।
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जहां वास्तव में सेंदूर देखे गए हैं। उन क्षेत्रों में सुरक्षा और निगरानी बढ़ा दी गई। गई है। नागरिकों से विशेष अपील की गई है कि वे किसी भी संदेश, फोटो या वीडियो को बिना पुष्टि के आगे न बढ़ाएं, अनावश्यक अफवाहें दहशत फैलाती है और वन विभाग के वास्तविक कार्य में बाधा डालती हैं, नागरिकों से सहयोग, संयम और जिम्मेदारी के साथ काम करने की अपेक्षा है।
-महादेव मोहिते, उप वन संरक्षक (पुणे)