
रोहिणी भोसले (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: पुणे में किसी फिल्मी दृश्य जैसा एक वाकया हुआ है। दरअसल जब आपको पता चलेगा कि कोई मृत व्यक्ति कई सालों बाद जीवित है, तो आपको यह घटना पूरी तरह से फिल्मी लगेगी, लेकिन पुणे में यह सच हुआ है।
दरअसल 2015 में केदारनाथ में आई बाढ़ में कई लोगों की जान चली गई थी। इसमें कुछ लोग बह भी गए थे। उनमें शिवम भी शामिल था। बाढ़ की घटना के बाद उसके परिवार ने उसे खोजने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिला। आखिरकार, उसके परिवार ने उसे मृत मानकर उसका प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार कर दिया।
इस बीच, अब लगभग दस साल बाद शिवम पुणे में मिला है। शिवम केदारनाथ में मंदिर में सेवा करता था। उसके परिवार को लगा था कि वह बाढ़ में बह गया है, लेकिन उसकी किस्मत में कुछ और ही लिखा था।
कुछ सालों बाद शिवम संभाजीनगर में चोरी के एक मामले में पकड़ा गया। गलती से शिवम का नाम आरोपियों के साथ अपराध में घसीटा गया था। मानसिक बीमारी के कारण उससे ठीक से पूछताछ नहीं हो पाई। इसके बाद न्यायालय ने उसे पुणे क्षेत्रीय मनोरोग अस्पताल भेज दिया। यहां उसे समाज सेवा अधिकारी रोहिणी भोसले मिलीं। उन्होंने शिवम की बातों से उसका गांव ढूंढ निकाला।
भोसले ने पुलिस से संपर्क किया और आखिरकार शिवम के रिश्तेदारों को खोज निकाला, जब शिवम और उसके भाई ने वीडियो कॉल पर कई सालों बाद एक-दूसरे को देखा, तो दोनों की आंखों में आंसू आ गए। यह देखकर वहां मौजूद स्टाफ भी भावुक हो गया।
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आज शिवम का ठीक से इलाज हो रहा है और आखिरकार वह अपने परिवार से मिला, दुनिया छोड़कर चला गया माना जाने वाला शिवम आखिरकार चर्चा में आने के बाद दस साल बाद परिवार की गोद में वापस लौटा। जब मानवत्ता, प्रयास, मदद और किसी को उसके परिवार तक पहुंचाने की ललक होती है, तो हजारों किलोमीटर दूर केदारनाथ से 10 साल बाद ही सही, कई शिवम अपने परिवारों से मिलेंगे।






