पुणे न्यूज (सौ. डिजाइन फोटो )
Pune News In Hindi: आने वाले समय में पुणे को वैश्विक सुविधा केंद्र (ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंसटर जीसीसी) की राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही, शहर में उद्योग व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा।
यह विश्वास मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निवेश और नीति सलाहकार कौस्तुभ धवसे और पुणे महानगरपालिका आयुक्त नवल किशोर राम ने व्यक्त किया है। मराठा चेंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (एमसीसीआईए) द्वारा आयोजित ‘पुणे ग्लोबल फैसिलिटी सेंटर’ (जीसीसी) परिषद में धवसे और राम ने महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल (एमआईडीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ पी वेलरासू के साथ उद्यमियों से संवाद किया। मनपा के अतिरिक्त आयुक्त पृथ्वीराज बी। पी। और एमसीसीआईए के महानिदेशक प्रशांत गिरबने भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
पुणे में जीसीसी के विकास की दिशा में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक शहर का ट्रैफिक जाम है। मनपा आयुक्त नवल किशोर राम ने स्वीकार किया कि पुणे शहर देश के सबसे अधिक भीड़ वाले शहरों में चौथे स्थान पर है और शहर के सबसे अधिक 400 जीसीसी वाले क्षेत्रों विमाननगर, खराड़ी और हडपसर में ही सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम लगता है।
उन्होंने आगे कहा कि आगामी समय में पुणे को राष्ट्रीय जीसीसी हब बनाने पर जोर दिया जाएगा और इसमें आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने का प्रयास किया जाएगा, आयुक्त राम ने बताया कि पुणे में पहले से ही 24-25 प्रतिशत यानी 400 जीसीसी मौजूद हैं। उन्होंने पुणे की विशेषता बताते हुए कहा कि जहां बेंगलुरु कौशल (स्किल्स) के लिए और हैदराबाद गति (स्पीड) के लिए जाना जाता है, वहीं पुगे में दोनों का संतुलित मेल है।
कौस्तुभ ध्वसे ने इस दौरान मुंबई का उदाहरण देते हुए कहा कि वर्ष 2000 से 2010 के दौरान किराए में भारी वृद्धि के कारण कई आईटी कंपनिया बेगलुरु और हैदराबाद चली गई थी। हालांकि, अब यह स्थिति बदल रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के कारण अगले दो वर्षों में पुणे का कायाकल्य देखने को मिलेगा।
धवसे ने इस बात पर जोर दिया कि महाराष्ट्र के विकास का भार अकेले मुंबई नहीं उठा सकती है, और पुणे को भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान देना होगा। उन्होंने पुर्ण को बुद्धिजीवियों का शहर बताते हुए कहा कि कनेक्टिविटी, भौगोलिक स्थिति, कुशल जनशक्ति और बुनियादी ढांचे के बल पर पुणे को जीसीसी राजधानी के रूप में विकसित करना पूरी तरह से संभव है।
उन्होंने बताया कि लगभग 80% ट्रैफिक केवल 32 सड़कों पर होती है। प्रभावी उपायों से 30-35% जाम कम हुआ है, पुणे में 700 किलोमीटर की विकास योजना की सड़कें प्रस्तावित हैं, जिनमें से कात्रज-कोंढवा रोड सहित दस सड़कें पूरी की जाएंगी।
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पुणे को वैश्विक सुविधा केंद्र की राजधानी बनाने का यह दृष्टिकोण न केवल शहर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा, बल्कि इसे – वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख व्यापार और प्रौद्योगिकी न केंद्र के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा।
– नवल किशोर राम, मनपा आयुक्त