राकांपा के 26वें स्थापना दिवस पर शरद पवार का छलका दर्द (सौजन्यः सोशल मीडिया)
पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार का दबा हुआ दर्द राकांपा के 26वें स्थापना दिवस पर आखिरकार छलक उठा। शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि 26 साल पहले उनके द्वारा सह-स्थापित पार्टी में विभाजन होगा। शरद पवार ने यह बात यहां राकांपा के 26वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही।
राकांपा 2023 में विभाजित हो गई थी। पवार ने चुनौतियों के बावजूद पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि पार्टी को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन आप बिना हतोत्साहित हुए पार्टी को आगे ले जाते रहे। पार्टी में विभाजन हुआ। हमने कभी नहीं सोचा था कि पार्टी बंट जाएगी लेकिन ऐसा हुआ।
शरद पवार ने कहा, “कुछ लोग दूसरी विचारधाराओं के साथ हो लिए और यह विभाजन बढ़ गया। मैं आज इसके बारे में बात नहीं करना चाहता लेकिन जो लोग पार्टी के प्रति वफादार रहे, वे हमारी पार्टी की विचारधारा के कारण रहे।” उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों में एक अलग तस्वीर सामने आएगी। शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा जुलाई 2023 में उस समय विभाजित हो गई थी जब उनके भतीजे अजित पवार शिवसेना-भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के गठबंधन वाली सरकार में शामिल हो गए थे। पार्टी का नाम और उसका चुनाव चिह्न अजित पवार गुट को दिया गया जबकि पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री की अगुआई वाले गुट का नाम राकांपा (शरदचंद्र पवार) रखा गया।
बता दें कि शरद पवार का यह दर्द तब छलक उठा है जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा-एसपी) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने मंगलवार को पार्टी प्रमुख शरद पवार की मौजूदगी में पद से इस्तीफा देने का संकेत दिया, जिसके बाद कार्यकर्ता भावुक हो गए और उन्होंने पाटिल से पद पर बने रहने का आग्रह किया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 26वें स्थापना दिवस पर पुणे के बालगंधर्व सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में पाटिल ने कहा कि नए चेहरों को मौका देना जरूरी है। राकांपा के संस्थापक शरद पवार भी मंच पर मौजूद थे।
जयंत पाटिल ने कहा इस वक्त कहा कि पवार साहब ने मुझे बहुत सारे अवसर दिए। मुझे 7 साल के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन अब पार्टी के लिए नए चेहरों को मौका देना महत्वपूर्ण है। उनके इस फैसले का पार्टी कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध किया। कार्यकर्ताओं की भावनात्मक अपील के बीच पाटिल ने भावुक स्वर में कार्यकर्ताओं से शांत रहने का अनुरोध किया। जयंत पाटिल ने कहा कि यह पार्टी पवार साहब की है इसलिए उन्हें उचित निर्णय लेना चाहिए। मैं पवार साहब और पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं।
शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा जुलाई 2023 में तब विभाजित हो गई थी जब उनके भतीजे अजित पवार तत्कालीन शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार में शामिल हो गए थे। महाराष्ट्र की राजनिती के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार अब चौतरफा मुसीबत में घिरते नजर आ रहे हैं। राकांपा के 26वें स्थापना दिवस पर खुशी की बजाय अब अपनी पार्टी बचाने की जद्दोजहद में शरद पवार जुटे हुए हैं। आगामी निकाय चुनाव में राकांपा शरद पवार गुट को अपने अस्तित्व को कायम रखने की लड़ाई लड़ने की नौबत आ चुकी है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)