
मुरलीधर मोहोल (सौ. सोशल मीडिया )
Maharashtra Local Body Election: नगर परिषद, नगर पंचायत चुनावों की सरगर्मी अब और तेज हो चुकी है। महाराष्ट्र की सियासत में जहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शिवसेना (शिंदे गुट) अपने स्तर पर तैयारियों में जुट गए हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रणनीतिक तौर पर बढ़ते बनाते हुए बड़ा दांव चलना शुरू कर दिया है।
भाजपा ने इस बार पुणे जिले की नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों की कमान केंद्रीय मंत्री और सांसद मुरलीधर मोहोल को सौंपी है। शनिवार को एनसीपी के नेता और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने अपने कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के साथ आगामी चुनावों को लेकर बैठक की थी।
साथ ही कई नए चेहरों को पार्टी में शामिल भी किया। इसी बीच भाजपा ने भी अपने स्तर पर संगठन को सक्रिय करते हुए चुनावी मोर्चा खोल दिया है। पार्टी ने पुणे जिले में होने वाले चुनावों के लिए उम्मीदवार चयन प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है।
अजित पवार ने जल्द साक्षात्कार कर उम्मीदवारों का नाम फाइल करने की बात कही है। भाजपा ने पहले ही इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए थे। अब तक हजारों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। इसके बाद अब भाजपा की ओर से इन इच्छुक उम्मीदवारों का इंटरव्यू शुरू हो गया है। इन इंटरव्यू में स्वयं केंद्रीय राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल उपस्थित रहेंगे।
पुणे जिले में कुल 14 नगरपालिका और 3 नगर पंचायत आती हैं। इन सभी स्थानों पर भाजपा अपना संगठन मजबूत करने और स्थानीय स्तर पर जीत सुनिश्चित करने की रणनीति बना रही है। इसी के तहत हाल ही में मोहोल ने वरिष्ठ नेताओं, स्थानीय विधायकों, पूर्व विधायकों और दोनों जिलाध्यक्षों के साथ विस्तृत बैठक की। बैठक में उम्मीदवार चयन, प्रचार योजना और संगठनात्मक तालमेल पर विस्तार से चर्चा हुई।
इंटरव्यू में दो जिलाध्यक्षों के अलावा भाजपा विधायक राहुल कुल, महेश लांडगे, पूर्व विधायक संग्राम थोपटे, संजय जगताप और अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित रहेंगे, सूत्रों के मुताबिक भाजपा इस बार उम्मीदवार चयन में योग्यता और जनाधार को प्राथमिकता दे रही है।
लंबे समय से नगरसेवक बनने की इच्छा रखने वाले कई कार्यकर्ताओं के लिए यह प्रक्रिया किसी परीक्षा से कम नहीं होगी। पार्टी का मानना है कि इस बार स्थानीय स्तर पर बेहतर संगठन, मजबूत प्रचार और मोदी सरकार की योजनाओं के बल पर भाजपा को बढ़त मिल सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा की यह सक्रियता राकांपा और शिवसेना के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है। क्योंकि दोनों सहयोगी दल अभी भी उम्मीदवार चयन और स्थानीय समीकरणों के समन्वय में उलझे हुए हैं। भाजपा ने समय रहते संगठनात्मक कामकाज को गति देकर चुनावी मैदान में एक तरह से पहला वार कर दिया है।
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भाजपा ने उम्मीदवार चयन प्रक्रिया को तीन चरणों में पूरा करने का निर्णय लिया है। पहले चरण में इच्छुक उम्मीदवारों का इंटरव्यू होगा, इसके आधार पर योग्य नामों की प्रारंभिक सूची तैयार की जाएगी। दूसरे चरण में इन शॉर्टलिस्ट किए गए नामों की समीक्षा और ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की जाएगी जबकि तीसरे चरण में अंतिम उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी।






