प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया )
E-Pik Pahani Survey Farmers: खरीफ सीजन 2025 में तकनीकी या अन्य कारणों से ई-पीक निरीक्षण के जरिए अपनी फसल दर्ज न करा पाने वाले किसानों के लिए जिला प्रशासन ने राहत भरा फैसला लिया है।
अब ऐसे किसान 15 जनवरी 2026 तक ऑफलाइन माध्यम से फसल प्रविष्टि करा सकेंगे। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि केवल छूटी हुई फसलों की ही प्रविष्टि होगी। पहले से दर्ज जानकारी में कोई संशोधन नहीं किया जाएगा।
यह रिपोर्ट राजस्व और विपणन विभाग को भेजी जाएगी, जिसके आधार पर सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीद की प्रक्रिया शुरू होगी।
आवेदन की अंतिम तिथिः प्रभावित किसान 24 दिसंबर तक अपने ग्राम राजस्व अधिकारी के पास आवेदन जमा कर सकते हैं। आवेदन के बाद उन्हें बाकायदा रसीद दी जाएगी।
स्थल निरीक्षणः 25 दिसंबर से 7 जनवरी 2026 के बीच ग्राम स्तरीय समिति खेतों का पंचनामा करेगी। इस दौरान किसान और पड़ोसियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
अंतिम रिपोर्ट: मंडल अधिकारी 12 जनवरी तक रिपोर्ट उपविभागीय अधिकारी को सौंपेंगे, जिसे 15 जनवरी तक जिलाधिकारी को प्रस्तुत किया जाएगा।
पुराने फ्लैट या प्रॉपर्टी खरीदने वाले ग्राहकों के लिए राहत भरी खबर है। अब रजिस्ट्री के समय ही प्रॉपर्टी टैक्स की बकाया राशि का विवरण सामने आ जाएगा। रजिस्ट्रेशन एवं मुद्रांक शुल्क विभाग ने अपने ‘आई-सरिता’ पोर्टल पर एक नया सिस्टम सक्रिय कर दिया है। यह सुविधा मुंबई को छोड़कर पुणे और पिंपरी-चिंचवड सहित राज्य की सभी 28 महानगरपालिकाओं में लागू कर दी गई है।
अक्सर देखा जाता है कि विक्रेता प्रॉपर्टी टैक्स की भारी बकाया राशि की जानकारी छिपाकर फ्लैट बेच देते हैं। खरीदार को इसका पता तब चलता है, जब वह महानगर पालिका में नाम ट्रांसफर करवाने जाता है।
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इस धोखाधड़ी और आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए अब रजिस्ट्रेशन के दौरान ही बकाया राशि ऑनलाइन दिखाई देगी। इस पारदर्शी व्यवस्था से न केवल खरीदारों का मानसिक तनाव कम होगा, बल्कि स्थानीय निकायों के राजस्व वसूली में भी तेजी आएगी। यह कदम रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।