(फाइल फोटो)
Pune News In Hindi: पुणे मनपा में साढ़े तीन साल से चल रहे प्रशासकीय राज के दौरान अनुशासन का अभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। किसी का नियंत्रण नहीं होने के कारण अधिकांश अधिकारी और कर्मचारी अपनी सुविधा के अनुसार कार्यालय आते-जाते हैं।
इस अनुशासनहीनता का सबसे बड़ा खामियाजा आम नागरिकों को उठाना पड़ रहा है। काम के लिए जो लोग महापालिका जाते हैं, उन्हें अपने काम के लिए कई बार चक्कर लगाने पड़ते हैं। राज्य सरकार ने हाल ही में सरकारी कार्यालयों के लिए पांच दिवसीय कार्य सप्ताह लागू करते हुए कामकाज का समय बढ़ा दिया है।
नई समय-सारणी के अनुसार पुणे महानगरपालिका का कार्यालयीन समय सुबह 9:45 बजे से शाम 6:15 बजे तक तय किया गया है। जबकि क्लर्क और कर्मचारी वर्ग के लिए 15 मिनट पहले उपस्थित होना अनिवार्य है, लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल विपरीत है। सुबह 10 बजे से पहले शायद ही कोई कर्मचारी कार्यालय पहुंचते हैं।
सूत्रों के अनुसार, पिछले तीन महीने से बायोमेट्रिक सिस्टम बंद है, क्योंकि मशीनों के रखरखाव के टेंडर की अवधि समाप्त हो चुकी है। इस वजह से अब उपस्थिति का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जा रहा है और कर्मचारी बेफिक्र होकर अपनी सुविधा से कार्यालय आ रहे हैं और जा रहे है।
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महापालिका में प्रशासक राज के चलते नई विस्तारित इमारत में पदाधिकारियों के कार्यालय बंद हैं। इस वजह से दूसरी मंजिल पर नागरिकों की आवाजाही बहुत कम रहती है। इसका फायदा उठाते हुए कई महिला कर्मचारी दोपहर के भोजन के बाद घंटों उस मंजिल पर टहलती रहती हैं, जिससे यह हिस्सा अब ‘वॉकिंग प्लाजा’ कहलाने लगा है।