अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस (कंसेप्ट फोटो-सोशल मीडिया)
Pune News In Hindi: पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका के आगामी चुनाव के लिए 2017 की प्रभाग रचना ‘जैसे थे’ रखी गई है। इसे लेकर भाजपा में उत्साह का माहौल है, वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजीत पवार गुट) और शिवसेना (शिंदे गुट) में निराशा छा गई है।
चार-सदस्यीय पद्धति से बनी इस प्रभाग रचना का फायदा भाजपा को हुआ था और उसकी एक हाथ में सत्ता आई थी। यही प्रभाग पद्धति भाजपा के लिए सुविधाजनक मानी जा रही है, जबकि महायुती में शामिल राष्ट्रवादी (अजीत पवार गुट) और शिवसेना (शिंदे गुट) के लिए यह मुश्किलें पैदा कर रही है। ऐसे में महायुती के भीतर टकराव की स्थिति बनने की संभावना है।
फरवरी 2017 के चुनाव में चार सदस्यीय पद्धति के तहत 32 प्रभाग बनाए गए थे। इस प्रभाग रचना का भाजपा को फायदा मिला और 77 नगरसेवकों के साथ पहली बार महापालिका पर भाजपा का कमल खिला। राष्ट्रवादी काँग्रेस की 15 वर्षों से चली आ रही एक हाथ में सत्ता को उसने पलट दिया। प्रभाग रचना तैयार करते समय भौगोलिक सहुलियत, बड़ी सड़क, गालियां, नदियां, नाले और सड़कों की प्राकृतिक सीमाओं को ध्यान में नहीं रखने का आरोप राष्ट्रवादी ने लगाया था। अब आगामी चुनाव के लिए भी 2017 जैसी ही प्रारूप प्रभाग रचना घोषित की गई है।
पिछले चुनाव में 1430 आपत्तियां 2017 में प्रारूप प्रभाग रचना पर कुल 1,430 आपत्तियां दर्ज कराई गई थीं। इसमें तलवड़े, चिखली गावठाण सोनवणे बस्ती, मोरे बस्ती जैसे प्रभाग क्रमांक एक पर सबसे ज्यादा 1,299 आपत्तियां दर्ज कराई गई थी।अब जबकि 2017 की ही प्रभाग रचना बरकरार है, कितनी आपत्तियां और सुझाव आते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।
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2017 जैसी ही प्रभाग रचना होने से भाजपा ने 100 से अधि नगरसेवक जीताने का लक्ष्य रखा है। सभी 128 सीटों पर मजक उम्मीदवार उतारने और स्वबल पर चुनाव लड़ने का शहर भाज का आग्रह है। वहीं प्रतिकूल प्रभाग रचना की वजह से राष्ट्रव काँग्रेस (अजीत पवार गुट) के इच्छुक उम्मीदवारों में निरा दिखाई दे रही है। पिछली बार प्राकृतिक सीमाओं का उल्लंघन कि गया था। वही प्रभाग रचना बनाए रखने पर राष्ट्रवादी ने आपत्ति व कराने का निर्णय लिया है। इसी बीच उपमुख्यमंत्री अजीत पवार साफ कर दिया है कि प्रभाग रचना में विरोधाभास होगा तो आपा दर्ज कराई जा सकती है।