पुणे में जल संकट (pic credit; social media)
Water crisis in Pune: पुणे की बढ़ती आबादी और पानी की मांग को देखते हुए पुणे मनपा ने सिंचाई विभाग से अगले एक साल के लिए 21.03 टीएमसी पानी की मांग की थी। लेकिन जल संसाधन विभाग ने इस मांग को वारिज करते हुए केवल 14.61 टीएमसी पानी ही मंजूर किया है।
इस बार पुणे मनपा ने पानी की पाइपलाइन में रिसाव कम होने के कारण कम मात्रा में पानी की मांग की थी। इसके बावजूद विभाग ने सीमित कोटा ही प्रदान किया, जिससे शहर में जल संकट का खतरा बरकरार है और आने वाले समय में पानी कटौती की संभावना भी बढ़ गई है।
पुणे शहर का सांस्कृतिक, आर्थिक और शैक्षिक महत्व लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में पर्याप्त पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। पिछले साल (2024-25) पुणे मनपा ने 21.48 टीएमसी पानी की मांग की थी, जबकि इस बार 21.03 टीएमसी पानी की मांग की गई। विभाग ने इस बार शहर की अनुमानित जनसंख्या 76.16 लाख के आधार पर 14.61 टीएमसी पानी देने का निर्णय लिया है।
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जल आपूर्ति में खडकनसला और खडकवासला जलाशय से क्रमशः 11.50 टीएमसी और 10.10 टीएमसी पानी शामिल है। इसके अलावा पातन से 0.34 टीएमसी और भामा आसखेड से 2.67 टीएमसी पानी उपलब्ध कराया जाएगा। पिछले 7 वर्षों में पुणे महापालिका में 32 गांव शामिल किए गए हैं। इन गांवों के लिए जल संसाधन विभाग पहले से ही निर्धारित कोटा के तहत पानी उपलब्ध कराता है, जबकि निजी संस्थानों को पहले से ही 0.476 टीएमसी पानी मिल रहा है।
हालांकि, खडकवासला डैम इस समय 100 फीसदी भरा हुआ है और जून से मुठा नदी के रास्ते अतिरिक्त पानी खेतों तक पहुंचाया गया है। लेकिन सीमित कोटे के कारण नागरिकों में जल संकट और नाराजगी की आशंका है।