नासिक पुलिस फॉरेन्सिक वैन (pic credit; social media)
Forensic vans for Nashik: नासिक पुलिस को अब गंभीर अपराधों और संवेदनशील मामलों की जांच में नई तकनीकी सहायता मिलने जा रही है। पुलिस विभाग को हाल ही में 2 आधुनिक फॉरेन्सिक वैन प्राप्त हुई हैं। इन वैन की मदद से हत्या जैसे जटिल अपराधों की जांच में वैज्ञानिक दिशा और मजबूत सबूत जुटाने में तेजी आएगी।
समय के साथ अपराधों के स्वरूप और तरीके बदल गए हैं। अब केवल पारंपरिक जांच पर निर्भर न रहते हुए, आधुनिक तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फॉरेन्सिक साइंस का उपयोग बढ़ाया जा रहा है। नई वैन में कार्यरत फॉरेन्सिक की कुशल टीम घटनास्थल पर ही आवश्यक सबूत एकत्र करेगी।
भारतीय न्याय संहिता (BNS) के अनुसार 7 वर्ष से अधिक सजा वाले गंभीर अपराधों में फॉरेन्सिक टीम का पंचनामा अनिवार्य है। 1 जुलाई से लागू हुए नए आपराधिक कानूनों के अनुसार अब हत्या समेत हर गंभीर अपराध के दौरान स्पॉट पंचनामा में वीडियो, ई-साक्ष्य और फोटोग्राफी अनिवार्य है। इसीलिए घटनास्थल पर फॉरेन्सिक वैन का इस्तेमाल कर तात्कालिक पंचनामा और सबूत संकलन किया जा रहा है। पंचनामा का 4 मिनट का वीडियो अब ‘CCTNS’ पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है, जिसमें तारीख और समय दर्ज होता है। इस प्रक्रिया से जांच की पारदर्शिता और गति, दोनों में सुधार हो रहा है।
नासिक पुलिस के पास पहले से एक वैन कार्यरत थी, जबकि ग्रामीण पुलिस के पास 2 वाहन उपलब्ध थे. हाल ही में न्यायसहाय्यक वैज्ञानिक प्रयोगशाला (फॉरेन्सिक विभाग) ने अतिरिक्त वाहनों का वितरण किया है. साथ ही, इन वैन के संचालन के लिए प्रशिक्षित स्टाफ भी विभाग द्वारा मुहैया कराया गया है.वर्तमान में विभाग में 128 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 35-40 पद रिक्त हैं. कुछ पदों पर अनुबंध आधारित नियुक्तियां की गई हैं. साथ ही, ई-साक्ष ऐप का उपयोग शुरू किया गया है, जिसके तहत चार्जशीट की अंतिम प्रति अब आरोपी और फिर्यादी दोनों को देना अनिवार्य है.
फॉरेन्सिक साइंस यानी न्यायवैद्यक विज्ञान, अपराध जांच के दौरान वैज्ञानिक तरीकों से सबूत जुटाने और उनका विश्लेषण करने की प्रक्रिया है. इसमें फिंगरप्रिंट जांच, डीएनए परीक्षण, रसायनशास्त्र और डिजिटल फॉरेन्सिक्स जैसी शाखाएं शामिल हैं.