पुणे न्यूज (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: इसी महीने 5 सितंबर को बारामती में ओबीसी आंदोलन किया गया था, जिसमें ओबीसी नेता लक्ष्मण हाके सहित 14 प्रदर्शनकारियों ने भाषण दिया था। पुलिस ने इस आयोजन के लिए पहले ही अनुमति देने से इनकार कर दिया था इसके बावजूद मोर्चा निकाले जाने पर 14 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
इसी मामले में गुरुवार को लक्ष्मण हाके सहित सभी 14 प्रदर्शनकारी बारामती शहर पुलिस स्टेशन पहुंचे थे। पुलिस स्टेशन पहुंचने पर पुलिस निरीक्षक विलास नाले ने उन्हें अपने कक्ष में बुलाया और उन्हें नोटिस थमाया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस अधिकारियों के बीच गर्मागर्म बहस हुई।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधिकारियों पर सवालों की बौछार लगाते हुए कहा कि जरांगे पर तो मामला दर्ज नहीं करते, लेकिन हमने संविधान के विरुद्ध कुछ भी नहीं किया, फिर भी हमारे ऊपर मामला क्यों दर्ज किया गया है? इसके जवाब में पुलिस निरीक्षक विलास नाले बार-बार यह समझाते रहे कि पुलिस ने अपना काम किया है। आंदोलन की अनुमति नहीं होने के बावजूद आपने आंदोलन किया, इसलिए यह नोटिस दिया जा रहा है। वहीं प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमें अभी गिरफ्तार करो। हमें जमानत भी नहीं लेनी है।
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इस चर्चा के दौरान प्रदर्शनकारियों के बीच ही दो गुट दिखाई दिए। कुछ प्रदर्शनकारी यह कह रहे थे कि यह मामला पालक मंत्री अजीत पवार के कहने पर दर्ज किया गया है। वहीं इन्हीं 14 प्रदर्शनकारियों में से कुछ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी थे, जो यह कहकर अजीत पवार का बचाव कर रहे थे कि इससे उनकी बदनामी हो रही है और इस मामले से अजीत पवार का कोई संबंध नहीं है। प्रदर्शनकारियों के बीच ही विचारों का आपसी विरोधाभास देखने को मिला। इस मौके पर लक्ष्मण हाके ने कहा कि हमने 105 मोर्चे निकाले, लेकिन हम पर सिर्फ बारामती और गेवराई इन दो ही जगहों पर मामले दर्ज हुए हैं।