अजित पवार और युगेंद्र पवार (सौ. डिजाइन फोटो )
Yugendra Pawar Vs Ajit Pawar In Baramati Election: महाराष्ट्र की सियासत का केंद्र कहे जाने वाले बारामती में एक बार फिर ‘पवार बनाम पवार की जंग तेज हो गई है।
बारामती नगर परिषद चुनाव, जिसे कुछ समय पहले तक एकतरफा माना जा रहा था, अब शरद पवार गुट के युवा नेता युगेंद्र पवार की सक्रियता के बाद बेहद दिलचस्प मोड़ पर आ गया है। इस नई चुनौती ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
दरअसल, चुनाव आयोग के अधिकारियों के समक्ष आनेवाली तकनीकी खामियों के कारण चुनाव को 20 दिन आगे बढ़ा दिया गया है।
पहले जहां अजीत पवार गुट के 8 उम्मीदवारों के निर्विरोध चुने जाने से उनका पलड़ा भारी लग रहा था, वहीं अब नई तारीख 20 दिसंबर ने शरद पवार गुट (एमवीए) को अपनी रणनीति दोबारा बुनने का मौका दे दिया है। अब मतदान 20 दिसंबर को होगा और नतीजे 21 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।
मैदान में उत्तरते ही युगेंद्र पवार ने अजीत पवार के विकास मॉडल’ पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने स्थानीय जनसंपर्क अभियान के तहत आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘केचल ऊंची इमारते खड़ी कर देना विकास नहीं होता, असली विकास वह है, जहां इंसान स्वाभिमान के साथ खड़ा हो सके।
बारामती की जनता जानती है कि शरद पवार साहब ने यहां की नींव को मजबूत किया है, विकास किया है।’ युगेंद्र के इस आक्रामक रुख से महाविकास आघाडी के कार्यकर्ताओं में भारी जोश देखा जा रहा है।
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अजीत पवार के लिए यह चुनाव साख की लड़ाई बन गया है। एक तरफ युगेंद्र पवान की बढ़ती लोकप्रियता है, तो दूसरी तरफ उनके अपने गुट में आंतरिक कलह की खबरें भी सामने आ रही हैं। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अजीत पवार ‘डैमेज कंट्रोल’ के माहिन खिलाड़ी हैं और आखिरी वक्त पर पास पलटने की पूरी क्षमता रखते हैं।