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इस बीच, मुंबई में हो रहे घटनाक्रम को देखते हुए माना जा रहा है कि राज्य में स्थानीय निकायों के लिए पहले चरण का चुनाव दिवाली से पहले शुरू हो जाएगा। इस बात की प्रबल संभावना है कि इसमें महानगरपालिका और नगरपालिकाओं को शामिल किया जाएगा।
पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका में फरवरी 2017 में चुने गए नगरसेवकों का पांच साल का कार्यकाल 13 मार्च 2022 को समाप्त हो गया। इससे पहले चुनाव होने की उम्मीद थी। हालांकि, कोरोना महामारी, ओबीसी समुदाय के राजनीतिक आरक्षण, राज्य में राजनीतिक अस्थिरता के कारण वार्ड संरचना, आरक्षण और मतदाता सूची के मामले में पिछले साल से महानगरपालिका चुनाव की प्रक्रिया ठप है। समय पर चुनाव नहीं होने के कारण महानगरपालिका का कामकाज प्रशासनिक शासन के अधीन है। प्रशासनिक राज को भी अब 6 महीने पूरे होने जा रहे हैं।
तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार ने तीन सदस्यीय वार्ड के आधार पर चुनाव कराने का फैसला किया था। इसी के तहत राज्य चुनाव आयोग ने वार्ड का ढांचा तैयार किया था। निर्वाचन क्षेत्र रचना, मतदाता सूचियों को अंतिम रूप दिया गया। इसके बाद सत्ता में आई शिंदे-फडणवीस सरकार ने पहले के वार्ड ढांचे को रद्द कर दिया। 2017 के चुनाव के चार सदस्यीय फार्मूले को 2022 के चुनाव में लागू करने का निर्णय लिया गया। इसलिए चुनाव आयोग ने फिर से चुनाव प्रक्रिया को स्थगित करने का आदेश दिया जो अंतिम चरण में थी। अब मनपा चुनाव नई सरकार की नीति के अनुसार होंगे। इसलिए पिछले वार्ड का ढांचा, आरक्षण प्रक्रिया और मतदाता सूची नए सिरे से बनानी होगी। इस बीच, राज्य सरकार के वार्ड ढांचे में बदलाव के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इसलिए महानगरपालिका चुनाव का भविष्य अदालत के फैसले पर निर्भर करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व की वार्ड व्यवस्था के अनुसार चुनाव कराने का आदेश दिया तो, चुनाव अक्टूबर, नवंबर में होने की उम्मीद है। यह भी एक नियम है कि किसी भी स्थानीय निकाय में छह महीने से अधिक की अवधि के लिए प्रशासनिक शासन नहीं होना चाहिए। पिंपरी- चिंचवड महानगरपालिका में नगरसेवकों का कार्यकाल 13 मार्च को समाप्त होने के बाद तत्कालीन सरकार ने महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल को प्रशासक नियुक्त किया था। उन्होंने महानगरपालिका की स्थापना के बाद दूसरे प्रशासक के रूप में कार्य किया। पाटिल का 16 अगस्त को तबादला कर दिया गया।
उनकी जगह शेखर सिंह को नियुक्त किया गया और अब कमिश्नर सिंह प्रशासक हैं और वे महानगरपालिका इतिहास के तीसरे प्रशासक हैं। 13 सितंबर को महानगरपालिका में जारी प्रशासनिक व्यवस्था छह माह पूरे करने जा रही है। इसलिए यह भी कहा जा रहा है कि चुनाव प्रक्रिया सितंबर के अंत में शुरू हो जाएगी। यदि नई सरकार की नीति के अनुसार चुनाव कराना है तो वार्ड गठन, आरक्षण, मतदाता सूची की प्रक्रिया में छह माह लग सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो प्रशासक नियुक्ति को कुछ और महीनों के लिए एक्सटेंशन मिलने की संभावना से इंकार नहीं कर सकते हैं।
इस बारे में मनपा चुनाव विभाग के सहायक आयुक्त बालासाहेब खांडेकर ने कहा कि वह चुनाव आयोग के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। इससे पहले तीन सदस्यीय वार्ड व्यवस्था के तहत काम हुआ। वार्ड की संरचना को अंतिम रूप दिया गया। वोटर लिस्ट का काम भी पूरा कर लिया गया। राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश के कारण मतदाता सूची को राजपत्र में प्रकाशित नहीं किया गया था। फिलहाल महानगरपालिका में चुनाव को लेकर कोई काम नहीं हो रहा है।






