वैष्णवी हगावने आत्महत्या मामला (सौजन्यः सोशल मीडिया)
पुणे: वैष्णवी हगावणे आत्महत्या मामले में उसके पति, ससुर, सास, देवर और ननद समेत कुल 11 आरोपियों के खिलाफ सोमवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अलीशा बागल की अदालत में 1670 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया गया। इसमें बावधन पुलिस ने दावा किया है कि 11 आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत जुटाए गए हैं। इस बीच, इस मामले में सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वला पवार को नियुक्त किया गया है।
वैष्णवी की आत्महत्या के 58 दिन बाद आरोपपत्र दाखिल किया गया है। वैष्णवी को उसके पति शशांक राजेंद्र हगावने (उम्र 27), ससुर राजेंद्र तुकाराम हगावने (उम्र 63), सास लता राजेंद्र हगावने (उम्र 54), ननद करिश्मा राजेंद्र हगावने (उम्र 31), देवर सुशील राजेंद्र हगावने (उम्र 27, सभी मुक्ताई गार्डन, भुकुम के पास रहते हैं) ने उसे आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए मारा-पीटा और प्रताड़ित किया, और वैष्णवी के बच्चे को अवैध रूप से हिरासत में रखा गया।
उसके रिश्तेदारों को पिस्तौल से धमकाने के आरोप में नीलेश चव्हाण (उम्र 35, निवासी कर्वेनगर) आत्महत्या की घटना के बाद भाग गए राजेंद्र और सुशील हगावणे को आश्रय देने के लिए प्रीतम वीरकुमार पाटिल (उम्र 47, निवासी कोंगोली, ताल. निपानी, बेलगाम, कर्नाटक), मोहन उर्फ बंडू उत्तमराव भेगाड़े (उम्र 59, निवासी भेगादेवस्ती, वडगांव मावल), बंडू लक्ष्मण फाटक (उम्र 55, निवासी भांगरवाड़ी, लोनावाला), अमोल विजय जाधव 35) और राहुल दशरथ जाधव (उम्र 45, दोनों निवासी पुसेगांव, ताल. खटाव, सतारा) के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है।
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ज्ञात हो कि वैष्णवी शशांक हगावने (उम्र 24, निवासी मुक्ताई गार्डन के पास, भुकुम, मुलशी) ने दहेज और जमीन खरीद के लिए ससुराल वालों द्वारा दी जा रही शारीरिक और मानसिक यातना से तंग आकर 16 मई को अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
न्यायिक हिरासत के कारण यरवदा जेल में बंद 6 आरोपियों में से लता हगावने, करिश्मा हगावने और नीलेश चव्हाण ने सत्र न्यायालय में ज़मानत के लिए आवेदन किया है। इनमें से नीलेश चव्हाण की ज़मानत याचिका पर आज सुनवाई होगी, जबकि लता और करिश्मा की ज़मानत याचिका पर 25 जुलाई को सुनवाई होगी। इन ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई पूरी होने के बाद ही सभी आरोपियों पर आरोप तय किए जाएंगे और मुकदमा शुरू होगा।