पुणे का ढोंगी बाबा (pic credit; social media)
Pune Crime News: पुणे में एक ढोंगी बाबा ने नाबालिग लड़की को अपने ऑफिस में बुलाकर उसका यौन शोषण करने की कोशिश की। इस घटना के बाद आरोपी अखिलेश जाधव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अंधविश्वास और जादू-टोने की बढ़ती घटनाओं से शहर में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
ज्ञान के घर के रूप में जाना जाने वाला पुणे शहर हाल के दिनों में ढोंगी बाबाओं का अड्डा बनता जा रहा है। जादू-टोना, अघोरी प्रथा और मानव बलि जैसे अंधविश्वासों के कई मामले हर दिन उजागर हो रहे हैं। सहकारनगर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में फिर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिसमें एक 45 वर्षीय ढोंगी बाबा ने एक नाबालिग लड़की को अपने कार्यालय में बुलाया और उसके साथ यौन उत्पीड़न का प्रयास किया।
इस घटना के बाद ढोंगी गुरु अखिलेश लक्ष्मण जाधव (उम्र 45, निवासी पुणे) के खिलाफ आईपीसी की धारा 295 के साथ ही महाराष्ट्र मानव बलि और अघोरी प्रथा निवारण अधिनियम 2013 के तहत धारा 74, 78 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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पीड़िता रोज की तरह अपने कॉलेज जा रही थी। इस दौरान आरोपी जाधव ने उसे व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर ऑफिस में कुछ सामान लेने के लिए बुलाया था। कॉलेज खत्म होने के बाद पीड़िता ऑफिस पहुंची। पीड़िता को अकेले देख ढोंगी ने मौके का फायदा उठाने की कोशिश की।आरोपी उसे एक पर्दे के पीछे ले गया और उसके सिर पर गमला रख दिया। आरोपी ने पीड़िता को “मंत्र पढ़ने” करने के लिए कहा।
लड़की को शक हुआ, तो उसने मना किया। उसने मौके से निकलने की कोशिश की तो ढोंगी बाबा ने नाबालिग को गले लगाने की कोशिश की। पीड़िता ने जब धक्का दिया तो जबरन उसे किस करने की कोशिश की। पीड़िता किसी तरह वहां से भाग निकली और अपने भाई को फोन कर इस पूरी घटना की जानकारी दी। पीड़िता के भाई ने सहकारनगर थाने में ढोंगी गुरु अखिलेश लक्ष्मण जाधव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
वैसे तो पुणे को शिक्षा, बुद्धिवाद और वैज्ञानिक विचारों का केंद्र माना जाता है, लेकिन दूसरी ओर, कई नागरिक अभी भी वित्तीय कठिनाइयों, बीमारी, डर या तत्काल सफलता के लालच के कारण ऐसे ढोंगी बाबाओं के जाल में फंस रहे हैं। पुणे में अंधविश्वास, जादू-टोना और ढोंगियों की बढ़ती गतिविधियों के मद्देनज़र पुलिस, प्रशासन और समाजसेवी संगठनों द्वारा ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है। आम नागरिकों के लिए भी यह ज़रूरी है कि वे ऐसी प्रथाओं का शिकार हुए बिना तुरंत कानूनी उपाय अपनाएं।