प्रहार शिक्षक संगठन नागपुर विभाग के प्रमुख अजय भोयर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Teacher Salary Cut News: शिक्षण संस्थाओं की आर्थिक स्थिरता के लिए शिक्षकों के वेतन से पांच प्रतिशत कटौती करने संबंधी निर्णय पुणे में हुई शिक्षण संस्था महामंडल की बैठक में लिया गया। इस निर्णय का प्रहार शिक्षक संगठन की ओर से तीव्र विरोध व्यक्त किया गया है। इसकी सूचना नागपुर विभाग प्रमुख अजय भोयर ने जारी प्रेस नोट के माध्यम से दी। अजय भोयर ने बताया कि पिछले दस वर्षों से शिक्षण संस्थाओं को वेतनेत्तर अनुदान प्राप्त न होने के कारण होने वाला खर्च पूरा करने के लिए शिक्षकों के वेतन में पांच प्रतिशत कटौती का प्रस्ताव लाना, शिक्षण संस्था महामंडल की पलायनवादी भूमिका दर्शाता है। वेतनेत्तर अनुदान के लिए संघर्ष छेड़ने के बजाय शिक्षकों से वसूली करने का निर्णय अत्यंत निंदनीय है।
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उन्होंने कहा कि फुले, शाहू और आंबेडकर जैसे पुरोगामी विचारकों के महाराष्ट्र में इस तरह का नियमबाह्य प्रस्ताव लाना और उसकी मंजूरी शासन से मांगने का साहस करना प्रहार संगठन किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं करेगा। कुछ संस्था चालकों की मनमानी के कारण संपूर्ण शिक्षण क्षेत्र बदनाम होता है, जबकि समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाने के लिए हमेशा शिक्षक ही सड़क पर उतरते हैं।
अजय भोयर ने आगे बताया कि राज्य में अनेक शिक्षक-कर्मचारियों ने संस्था चालकों के अन्याय से त्रस्त होकर आत्महत्या तक की है। ऐसे में संस्था चालक होने का दावा करते हुए शासन के विरुद्ध न्याय की लड़ाई लड़ने के बजाय अपने ही शिक्षकों का आर्थिक शोषण करने का निर्णय लेना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। उन्होंने कहा कि ऐसा ठराव लेना निर्लज्जता की पराकाष्ठा है।
प्रहार शिक्षक संघटना ने चेतावनी दी है कि इस ठराव का तात्कालिक पुनर्विचार किया जाए, अन्यथा शिक्षकों के आर्थिक और मानसिक शोषण के किसी भी प्रयास का प्रहार तीव्र विरोध करेगा। नागपुर विभाग प्रमुख अजय भोयर ने स्पष्ट किया कि शिक्षण संस्था महामंडल यदि ऐसा अविवेकी निर्णय थोपने का प्रयास करेगा तो प्रहार शिक्षक संघटना उसका कड़ा प्रतिकार करेगी।