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वणी: नाशिक जिला परिषद (Nashik Zilla Parishad) की सीईओ लीना बनसोड (CEO Lena Bansod) ने कहा कि सप्तशृंगी गढ़ (Saptashringi Fort) पर प्लास्टिक (Plastic) के उपयोग पर प्रतिबंध (Ban) लगाने और गढ़ को प्लास्टिक मुक्त (Plastic Free) करने के लिए बाह्यस्थ संस्था के माध्यम से गढ़ के सभी कार्य की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद नियोजन किया जाएगा। वे सप्तशृंगी गढ़ पर गंदा पानी, घनकचरा व्यवस्थापन को लेकर आयोजित ग्राम पंचायत पदाधिकारी, सप्तशृंगी निवासिनी ट्रस्ट व्यवस्थापक, रोप वे व्यवस्थापन की बैठक को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि सप्तशृंगी गढ़ को पवित्र रखना और पर्यावरण संवर्धन की सामूहिक जिम्मेदारी है। इसलिए ग्राम पंचायत, ट्रस्ट व रोप-वे व्यवस्थान आदि को एक साथ आकर गढ़ परिसर में होने वाले गंदा पानी के व्यवस्थापन, प्लास्टिक व्यवस्थापन कार्य में शामिल होकर कामकाज करने की अपील की। गढ़ परिसर स्वच्छ व सुंदर रखने के लिए की जाने वाली उपाय योजना को लेकर मौजूद पदाधिकारियों से चर्चा की गई।
गढ़ पर हर दिन होने वाले प्लास्टिक कचरे को लेकर मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने महिला बचत गट की मदद से नागरिकों में कपड़ा और कागज की थैलियों का उपयोग करने के लिए जनजागृति करने का निर्देश दिया। इस समय ट्रस्ट के व्यवस्थापक सुदर्शन दहातोंडे, संचालक दीपक पाटोदकर, रोप-वे के राजीव लुंभा, सरपंच रमेश पवार, ग्राम पंचायत सदस्य संदीप बेनके, राजेश गवली, प्रकल्प संचालक उज्ज्वला बावके, उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी रवींद्र परदेशी, दीपक चाटे, आनंद पिंगले, गट विकास अधिकारी नीलेश पाटिल, ग्रामसेवक संजय देवरे आदि उपस्थित थे।
कोरोना की पृष्ठभूमि पर राज्य सरकार और जिलाधिकारी ने सभी सरकारी बैठक ऑनलाइन लेने की सूचना दी है। फिर भी जिला परिषद प्रशासन की ओर से सप्तशृंगी गढ़ पर ऑफलाइन तरीके से गंदा पानी, प्लास्टिक व्यवस्थापन को लेकर बैठक की गई। इसे लेकर सदस्यों ने नाराजगी व्यक्त की। जिला परिषद प्रशासन विशेष समितियों की बैठक सरकारी आदेश के तहत ऑनलाइन तरीके से लेता है। दूरी ओर ऑफलाइन तरीके से बैठक लेकर प्रशासन समय के तहत नियमों का उपयोग कर रहा है, जो गलत है।