जलगांव में अधिक नुकसान (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nashik News: उत्तर महाराष्ट्र के पांचों जिलों की 54 में से 16 तहसीलों में पिछले दो दिनों से हो रही वापसी की भारी बारिश ने कहर बरपाया है। इस भारी बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है, जिससे खरीफ की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। कई खेतों में पानी भर जाने से फसलें सचमुच सड़ गई हैं। संभाग के 6 राजस्व मंडलों में बादल फटने जैसी स्थिति देखने को मिली। मुक्ताईनगर तहसील के कुहा राजस्व मंडल में रिकॉर्ड 95.75 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे फसलों के साथ-साथ मिट्टी भी बह गई।
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, जलगांव जिले में इस बारिश से सबसे अधिक नुकसान हुआ है, खासकर पाचोरा और जामनेर तहसीलों में। इन दोनों तहसीलों के 44 गांवों में लगभग 4,327 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसलों को नुकसान पहुंचने का अनुमान है। कृषि विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस भारी बारिश में कपास और मक्का को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। 2,521 हेक्टेयर में कपास की फसलें प्रभावित हुई हैं, जबकि 924 हेक्टेयर में मक्का की फसल क्षतिग्रस्त हुई है। केले के बागों को भी नुकसान हुआ है। किसान इस अचानक हुई तबाही से बेहद परेशान हैं और सरकार से जल्द मदद की गुहार लगा रहे हैं।
संभाग के जिन प्रमुख तहसीलों में वापसी की बारिश ने कहर बरपाया, उनमें येवला, त्र्यंबकेश्वर, नांदगांव, शिरपुर, शिंदखेडा, शहादा, नंदुरबार, जलगांव, भुसावल, यावल, रावेर, मुक्ताईनगर, चोपड़ा, एरंडोल, जामनेर, पाचोरा, भड़गांव, धरणगांव, बोदवड, पाथर्डी, नेवासा, राहुरी, संगमनेर, अकोला, श्रीरामपुर और राहाता शामिल हैं।
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शहर और जिले के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण गंगा गोदावरी नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है। विशेष रूप से गंगापुर बांध क्षेत्र में जारी जोरदार बारिश के चलते नदी का पात्र पूरी तरह भर गया है और पानी पूरे वेग से बह रहा है।