मनमाड मार्केट कमेटी के अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (सौजन्यः सोशल मीडिया)
No Confidence Motion : मनमाड मार्केट कमेटी में मौजूदा अध्यक्ष के खिलाफ असंतोष बढ़ गया है और 12 संचालकों ने जिला उप-पंजीयक की मौजूदगी में प्रभारी जिला कलेक्टर बाबासाहेब पारधे को ज्ञापन सौंपकर उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने और नए अध्यक्ष के चुनाव की मांग की है। पारधे ने आश्वासन दिया है कि इस संबंध में जल्द ही अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाई जाएगी।
मनमाड मार्केट कमेटी की राजनीति में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल और शिंदे सेना विधायक सुहास कांदे के गुट के बीच विवाद हो गया था। वर्तमान अध्यक्ष और कुछ सदस्य भुजबल के गुट में थे। इनमें से कुछ ने समिति के अध्यक्ष दीपक गोगड़ के खिलाफ अविश्वास जताकर कांदे गुट का दामन थाम लिया था। इसके बाद भुजबल गुट के सदस्य भी भाजपा में शामिल हो गए थे।
इस बीच, प्रभारी जिला कलेक्टर पारधे से गोगड की शक्तियां समाप्त करने की मांग की गई, जो सत्ताधारी गुट के कुछ सदस्यों के विपक्षी गुट में शामिल होने के बाद अल्पमत में आ गए थे। उपस्थित 12 सदस्यों ने बताया कि यही शिकायत पहले भी उप-पंजीयक से की गई थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने गोगड के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तत्काल बैठक बुलाने की मांग की।
यह भी आरोप लगाया गया है कि गोगद निदेशकों को विश्वास में लिए बिना मनमानी कर रहे हैं और जिन सचिवों ने अवैध काम करने से इनकार किया है, उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। यह भी आरोप लगाया गया है कि छह महीने से कोई बैठक नहीं हुई है और कुलियों के लाइसेंस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
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इस वक्त नासिक प्रभारी जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते समय मनमाड बाजार समिति के निदेशक कैलास आबाद, पूर्व विधायक संजय पवार, गंगाधर बिडगर, किशोर लहाने, कैलास भाबड़, विट्ठल अहेर, सुभाष उगले, दशरथ लहरे, मधुकर उगले, अप्पा कुंगर, संगीता कराड आदि उपस्थित थे।
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से विवादों में घिरी मनमाड मार्केट कमेटी की बहुप्रतीक्षित आमसभा आखिरकार शुक्रवार को संपन्न हो गई। मार्केटिंग डायरेक्टर के आदेश पर हुई इस बैठक में कुल 9 अहम मुद्दों पर मुहर लगी। इनमें चार महीने से लंबित कर्मचारियों का वेतन देने, अवैध रूप से निलंबित सचिवों का निलंबन रद्द करने, व्यापारियों के लाइसेंस का नवीनीकरण करने और 136 हमाल मापारी के लाइसेंस का नवीनीकरण करने जैसे फैसले खास रहे।