
पूर्व उप-शिक्षा निदेशक उपासनी को रिमांड पर लेगी ग्रामीण एसआईटी
Fake Shalarth ID: नासिक में हजारों फर्जी ‘शालार्थ आईडी’ बनाकर करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोप में जेल जा चुके पूर्व उप-शिक्षा निदेशक नितीन उपासनी को अब नासिकग्रामीण पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की विशेष जांच टीम (SIT) रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में पुलिस सोमवार, 15 दिसंबर को आवश्यक अदालती प्रक्रिया शुरू करेगी। शालार्थ घोटाले के मामले में शहर की आर्थिक अपराध शाखा ने शिक्षा मंडल के सेवानिवृत्त अध्यक्ष नितीन उपासनी को कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया था।
वह फिलहाल नासिक रोड केंद्रीय कारागृह में बंद है और जिला न्यायालय ने हाल ही में उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। ग्रामीण पुलिस की विशेष जांच टीम के प्रमुख पुलिस निरीक्षक दत्ता शिंदे ने नितीन उपासनी को रिमांड पर लेने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। मालेगांव के दो अलग-अलग पुलिस थानों में फर्जी शिक्षक और लिपिक भर्ती से जुड़े मामलों में भी संदेह की सुई नितीन उपासनी के इर्द-गिर्द घूम रही है।
ग्रामीण पुलिस उन मामलों में उपासनी से पूछताछ करेगी, जिनमें पूर्व माध्यमिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण श्रीधर पाटिल, कार्यालय अधीक्षक सुधीर भास्कर पगार और उप-शिक्षा अधिकारी उदय विट्ठल देवरे को 3 करोड़ रुपये से अधिक के गबन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
शालार्थ घोटाले की शिकायत नासिकरोड पुलिस स्टेशन में दर्ज कराने वाले तत्कालीन उप-शिक्षा निदेशक भाऊसाहेब चव्हाण को भी शहर पुलिस ने जांच के बाद संदिग्ध करार दिया है। चव्हाण ने गिरफ्तारी से बचने के लिए जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया, जहां से उन्हें 16 दिसंबर तक अंतरिम अग्रिम जमानत मिली है।
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मंगलवार, 16 दिसंबर को होने वाली सुनवाई के बाद यह स्पष्ट होगा कि भाऊसाहेब चव्हाण को गिरफ्तार किया जाता है या उन्हें आगे राहत मिलती है। जांच में नितीन उपासनी और भाऊसाहेब चव्हाण दोनों की संलिप्तता सामने आ रही है, जिससे जल्द ही रिमांड और गिरफ्तारी की कार्रवाई होने की संभावना जताई जा रही है।






