
पटरी पर नहीं लौटी माध्यमिक शिक्षा विभाग की गाड़ी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur Metropolitan Region: जिला परिषद का माध्यमिक शिक्षा विभाग पिछले कई महीनों से सुर्खियों में है। शालार्थ आईडी घोटाले के चलते विभाग की भारी किरकिरी हो चुकी है। इस प्रकरण में अधिकारियों, कर्मचारियों, शिक्षकों, लिपिकों और कुछ संस्था प्रमुखों की गिरफ्तारी भी हुई थी। इन घटनाओं के बाद उम्मीद थी कि विभाग की कार्यप्रणाली सुधरेगी, परंतु वर्तमान में स्थिति और अधिक अव्यवस्थित हो गई है।
प्रभारी शिक्षणाधिकारी के पिछले 15 दिनों से अवकाश पर होने के कारण कार्यालय का कामकाज ठप पड़ गया है। फाइलों का ढेर लग गया है और यह सवाल उठने लगा है कि आखिर माध्यमिक शिक्षा विभाग किसके भरोसे चल रहा है।
शालार्थ आईडी घोटाले की जांच के दौरान तत्कालीन शिक्षा अधिकारी रोहिणी कुंभार को एसआईटी ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद योजना के उपशिक्षणाधिकारी आशीष चव्हाण को प्रभार सौंपा गया, जिन्होंने मात्र आठ दिनों तक कार्यभार संभाला। बाद में प्राथमिक शिक्षा विभाग के वेतन पथक अधीक्षक गौतम गेडाम को माध्यमिक विभाग का प्रभार दिया गया।
हालांकि, उन्हें भी जांच के लिए तलब किया गया, जिसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए न्यायालय में याचिका दायर की, लेकिन न्यायालय ने राहत नहीं दी। परिणामस्वरूप, वे पिछले 15 दिनों से अवकाश पर हैं और कार्यालय का नियमित कामकाज पूरी तरह प्रभावित है।
शिक्षणाधिकारी के अनुपस्थित रहने से कार्यालय में फाइलों का अंबार लग गया है। संस्थाचालक और शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों की समस्याओं का निपटारा नहीं हो पा रहा है। कई शिक्षक और कर्मचारी अपने कार्यों के लिए कार्यालय का चक्कर लगाते रहे, लेकिन समाधान नहीं मिला।
नियमित बैठकों का आयोजन भी बंद है, वहीं स्कूलों के चरणबद्ध अनुदान की प्रक्रिया में गड़बड़ी सामने आने से विभाग पर फर्जीवाड़े का साया गहराने लगा है।
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लगातार हो रही जांच और गिरफ्तारी के कारण विभागीय कर्मचारी भी भयभीत हैं। कोई भी निर्णय लेने या फाइल आगे बढ़ाने से बच रहा है। परिणामस्वरूप, विभागीय कामकाज लगभग ठप है और शिक्षा व्यवस्था पर सीधा असर पड़ रहा है।
पिछले चार महीनों से माध्यमिक और प्राथमिक दोनों शिक्षा विभाग प्रभारी अधिकारियों के अधीन हैं। संबंधित पदों पर पूर्णकालिक अधिकारियों की नियुक्ति नहीं होने से प्रशासनिक कार्यों की गति प्रभावित हो रही है। शिक्षक संघों और संस्थाचालकों की ओर से यह मांग की जा रही है कि सरकार जल्द से जल्द दोनों विभागों में पूर्णकालिक शिक्षाधिकारी नियुक्त करे ताकि विभाग का कामकाज पटरी पर लौट सके।






