प्याज (सौ. सोशल मीडिया )
Nashik News: प्याज के लगातार गिरते दामों को लेकर महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संघटन ने आक्रामक रुख अपनाया है। संगठन ने घोषणा की है कि 12 सितंबर से 7 दिन तक राज्यव्यापी फोन आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान किसान राज्य के मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को फोन कर अपने सवाल सीधे तौर पर उठाएंगे।
संघटन के प्रमुख भारत दिघोले ने बताया कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण प्याज की कीमतों में गिरावट आई है। किसान पिछले छह महीनों से उचित दामों की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि किसानों को उत्पादन लागत तक की कीमत नहीं मिल रही और हर साल प्याज उत्पादकों को 200 से 300 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ता है।
किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार तत्काल निर्यात बढ़ाने के लिए प्याज पर सब्सिडी दे। साथ ही, पिछले कुछ महीनों में सस्ते दाम पर प्याज बेचने वाले किसानों को प्रति क्विंटल 1500 रुपये की अनुदान राशि दी जाए। संगठन का कहना है कि नाफेड और एनसीईएफ को कम कीमत पर प्याज बाजार में नहीं लाना चाहिए।
फोन आंदोलन के दौरान किसान सीधे जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर उन्हें प्याज दर वृद्धि के समर्थन में ठोस भूमिका लेने की मांग करेंगे। राज्यभर के हजारों किसान 7 दिन तक रोजाना फोन कर अपना आवाज प्रतिनिधियों तक पहुंचाएंगे। संगठन ने चेतावनी दी है कि केंद्र और राज्य सरकार ने यदि तत्काल हस्तक्षेप कर उत्पादन लागत पर न्यूनतम 50% लाभ सहित दाम घोषित नहीं किया, तो किसानों की आर्थिक स्थिति और खराब होगी।
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निर्यातबंदी और स्टॉक में रखे प्याज को कम दाम पर बेचने जैसे निर्णय स्थगित किए जाएं। भारत दिघोले ने कहा कि अब किसानों की गय नहीं होगी और यदि सरकार ने जल्द नीति नहीं बदली तो आंदोलन और उग्र होगा।