भारी बारिश से किसानों की कमर टूटी, 'कसमादे' को 'गीला सूखाग्रस्त' घोषित करने की मांग
Nashik News: डॉ. जयंत पवार ने मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में बताया कि कसमादे क्षेत्र के करंजगव्हाण मंडल में 164%। झोडगे मंडल में 146% और कौलाने मंडल में सबसे अधिक 179% बारिश दर्ज की गई है। कम या ज्यादा, यही स्थिति कसमादे के सभी मंडलों में है।
कई क्षेत्रों में बारिश मापने की उचित व्यवस्था न होने के कारण भारी बारिश की सरकारी रिकॉर्ड में ठीक से नोंद नहीं हो पाती है। मक्का, बाजरा और कपास की फसलें कटाई के लिए तैयार थीं, तभी पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है।
अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद में किसानों ने बड़ी मात्रा में गर्मियों में उगाए गए प्याज को भंडारण कक्षों (चाली) में रखा था। लेकिन भारी बारिश के कारण ये प्याज भीग गए हैं, और किसानों को इन्हें फेंकना पड़ रहा है।
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जो प्याज बच गया है, उसे बाजार में बहुत कम दाम मिल रहा है। सभी तहसीलों में वार्षिक औसत से अधिक बारिश हुई है, जिससे अनार सहित अन्य फलों के बागों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। डॉ. पवार ने अपने ज्ञापन में यह भी मांग की है कि सभी गांवों में फसलों के नुकसान का निष्पक्ष पंचनामा (सर्वेक्षण) किया जाए और किसानों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए ताकि उन्हें राहत मिल सके।