सुप्रिया सुले (Image- Social Media )
Maharashtra Politics: NCP के शरद पवार की सांसद सुप्रिया सुले एक बार फिर आरक्षण को लेकर दिए अपने बयान की वजह से विवादों में फंस गई हैं। हाल ही में एक बयान में उन्होंने अपने बच्चों के लिए आरक्षण की आवश्यकता से इनकार किया था, जिसके बाद विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने उनकी आलोचना शुरू कर दी।
आलोचना के बाद उन्होंने एक न्यूज चैनल से बातचीत में अपने बयान की सफाई दी है। साथ ही उन्होंने पार्टी के ओबीसी सेल के स्टेट अध्यक्ष राज राजापुरकर से सरकार से सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है। इस मुद्दे को लेकर सुप्रिया सुले ने आजतक से खास बातचीत में कहा, ‘मैं बहुत स्पष्ट हूं कि हमें सबको बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का पालन करना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि इस देश को संविधान के तहत चलना चाहिए।’
उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा, ‘मैं खास तौर पर अपने बच्चों की बात कर रही थी। मैं एक उदार परिवार में पली-बढ़ी और एक बहुत उदार परिवार में शादी की। सुप्रिया सुले के रूप में नैतिक और सिद्धांतवादी रूप से महिलाओं के आरक्षण का लाभ लेना मुझे सही नहीं लगा। मेरा मुद्दा केवल मेरे दो बच्चों तक सीमित था। यदि लोग मेरी पूरी बातचीत सुनेंगे तो वे समझ जाएंगे। मेरे बच्चे सशक्त और शिक्षित हैं, उन्हें आरक्षण की जरूरत नहीं है।’
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सुले ने कहा था कि आरक्षण का उद्देश्य उन लोगों को अवसर देना है जो पिछड़े वर्ग से आते हैं और जिनके माता-पिता को शिक्षा व संसाधनों का लाभ नहीं मिला। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “मेरे माता-पिता पढ़े-लिखे हैं, मैं पढ़ी-लिखी हूं, मेरे बच्चे भी अच्छे स्कूल में पढ़ते हैं। ऐसे में अगर मैं आरक्षण मांगूं तो मुझे शर्म आनी चाहिए।”