किसानों ने समझौता योजना का किया विरोध, बैठक में हुआ हंगामा
Nashik News: जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक की वार्षिक आम सभा में सदस्यों ने नई समझौता योजना (समाजोपचार योजना) का कड़ा विरोध करते हुए जोरदार हंगामा किया। उन्होंने प्रस्ताव पारित कर यह मांग की कि सरकार किसानों का पूरा कर्ज माफ करे, क्योंकि वे बेमौसम बारिश के कारण गंभीर संकट में हैं।
बैठक की अध्यक्षता जिला बैंक के प्रशासक संतोष बिडवई ने की। जैसे ही बैठक की शुरुआत हुई, सदस्यों का आक्रामक रुख सामने आया। जब एजेंडे में पिछली बैठक की कार्यवाही की पुष्टि का विषय आया, तो कई सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई।
सदस्य कैलास बोरसे ने कहा कि विशेष बैठक में यह प्रस्ताव पारित हुआ था कि किसानों के कर्ज का पूरा ब्याज माफ किया जाए और मूलधन की समान किश्तें बनाई जाएं। लेकिन बैठक की कार्यवाही में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव का कोई उल्लेख नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन कृषि मंत्री एड. माणिकराव कोकाटे ने मंच से योजना को जबरन मंजूरी दिलवाई।
बोरसे ने इस संदर्भ में एक नया प्रस्ताव पेश किया, जिसमें पिछली बैठक की कार्यवाही को रद्द करने, ब्याज माफ करने, मूलधन की समान किश्तें बनाने और किसानों का पूरा कर्ज माफ करने की मांग की गई। इस प्रस्ताव का प्रकाश शिंदे ने समर्थन किया।
बैठक के दौरान कई बार तीखी बहस हुई और माहौल गर्माता गया।
सदस्य राजू देसले ने भी आक्रामक रुख अपनाया और पूछा कि बैंक के कितने पूर्व व वर्तमान निदेशकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं और उनसे वसूली की क्या स्थिति है। उन्होंने कहा कि लौटती बारिश (परतीच्या पावसाने) ने पूरे जिले में फसलों को बर्बाद कर दिया है। सरकार को किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ करना चाहिए।
सदस्य सुनील ढिकले ने मुख्यमंत्री की हालिया घोषणा का हवाला देते हुए कहा कि मानदंडों में ढील देकर सहायता देने की बात कही गई है। उन्होंने अनुरोध किया कि जिन किसानों को पिछली दो कर्जमाफी योजनाओं का लाभ नहीं मिला है, उन्हें इस बार शामिल किया जाए और जिले के लिए अधिकतम आर्थिक पैकेज प्राप्त किया जाए।
इस पर प्रशासक बिडवई ने आश्वासन दिया कि सभी प्रस्तावों को दर्ज कर सरकार के पास भेजा जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार से ₹672 करोड़ की शेयर पूंजी (भाग भांडवल) बिना ब्याज के प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे बैंक को स्थिरता मिलेगी और उसका लाइसेंस भी बचाया जा सकेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि अगले पाँच वर्षों में बैंक फिर से अपनी पुरानी स्थिति में लौटेगा।
सदस्य भालचंद्र पाटील ने कहा कि विभिन्न सहकारी संस्थाओं की जमाओं पर ब्याज नहीं मिल रहा है। उन्होंने मांग की कि यदि जमा राशि तुरंत वापस नहीं की जा सकती, तो कम से कम दिसंबर तक का ब्याज जरूर दिया जाए।
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सदस्य जगदीश गोडसे ने सुझाव दिया कि नासिक जिला बैंक को नागपुर जिला बैंक की तर्ज पर अपनी जमा राशि राज्य सहकारी बैंक में रखनी चाहिए, ताकि अपनी पूंजी सुरक्षित और सुलभ रहे।