
सुरक्षित पतंगबाजी के लिए नासिक जिलाधिकारी की अपील
Makar Sankranti Nashik: मकर संक्रांति और पतंगबाजी के अटूट रिश्ते वाले शहर नासिक में इस वर्ष का उत्सव सुरक्षित तरीके से मनाया जाए, इसके लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। जिलाधिकारी आयुष प्रसाद ने नागरिकों, विशेष रूप से छात्र वर्ग, के नाम पत्र लिखकर मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दी हैं। साथ ही उन्होंने भावुक अपील करते हुए कहा है कि यह त्योहार मनाते समय अपनी और दूसरों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए।
जिलाधिकारी प्रसाद ने उल्लेख किया कि नाशिक जिले में पतंगबाजी बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है, लेकिन पतंग के मांझे से होने वाली दुर्घटनाएं चिंता का विषय बनती जा रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्सव का वास्तविक आनंद तभी है, जब वह किसी के लिए जानलेवा साबित न हो।
मकर संक्रांति के दौरान मांझे की चपेट में आने से होने वाली दुर्घटनाएं गंभीर समस्या बन गई हैं। नायलॉन मांझे के उपयोग से दुपहिया वाहन चालकों का गला कटने, गहरे घाव लगने और कई मामलों में निर्दोष नागरिकों की जान जाने जैसी दुखद घटनाएं सामने आई हैं। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि नायलॉन मांझे का पूर्णतः त्याग कर ही स्वयं और दूसरों को घायल होने से बचाया जा सकता है। इसके अलावा, पतंग उड़ाने के दौरान ऊंची छतों से गिरकर घायल होने की घटनाएं भी बड़ी संख्या में होती हैं।
नायलॉन मांझा न केवल इंसानों के लिए, बल्कि बेजुबान पक्षियों के लिए भी घातक साबित होता है। पेड़ों में फंसा हुआ मांझा कई दिनों तक वहीं रह जाता है, जिससे पक्षियों के पंख कट जाते हैं या उनके पैरों में गंभीर चोटें आती हैं, जो अक्सर उनकी मृत्यु का कारण बनती हैं।
ये भी पढ़े:मादक पदार्थ तस्करी गिरोह का भंडाफोड़, बेंगलुरु में मेफेड्रोन बनाने वाली तीन फैक्ट्रियां ध्वस्त
खेल समाप्त होने के बाद बचे हुए मांझे या पतंग के टुकड़ों को खुले में न फेंकें, बल्कि उनका सुरक्षित निपटान करें, ताकि पर्यावरण और पक्षियों को नुकसान न पहुंचे। जिलाधिकारी ने नाशिकवासियों को सुरक्षित पतंगबाजी का संदेश देते हुए कहा कि संक्रांति की मिठास बढ़ाते समय सामाजिक जिम्मेदारी का ध्यान रखना हम सभी का कर्तव्य है।






