प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया)
Rural Development Nashik Hindi News: नासिक जिले के ग्रामीण इलाकों में जीवन के साथ-साथ मृत्यु के बाद का सफर भी संघर्षपूर्ण बना हुआ है। जिले के कुल 1,915 गांवों में से 553 गांवों में आज भी श्मशान शेड उपलब्ध नहीं हैं।
श्मशान की कमी के कारण ग्रामीणों को खुले आसमान के नीचे या मानसून के दौरान अस्थाई शेड बनाकर अंतिम संस्कार करना पड़ता है। हालांकि, अब जिलाधिकारी आयुष प्रसाद की नई पहल से इन गांवों को श्मशान शेड मिलने की उम्मीद जागी है।
जिलाधिकारी के इस कदम से आदिवासी क्षेत्रों के हजारों नागरिकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, जिन्हें मानसून में अंतिम संस्कार के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
सर्वेक्षण के अनुसार, गैर-आदिवासी क्षेत्रों की तुलना में आदिवासी तहसीलों में श्मशान की समस्या अधिक विकराल है। मुख्य कारण जमीन की उपलब्धता न होना बताया जा रहा है।
सुरगाणा तहसीलः यहां सबसे अधिक 119 गांवों में श्मशान नहीं है। अन्य प्रभावित तहसीलेंः बागलाण (87), त्र्यंबकेश्वर (83) और पेठ (74) में भी स्थिति चिंताजनक है।
जिलाधिकारी आयुष प्रसाद ने सालाना प्लान के तहत एक नई योजना के जरिए फंड देने का निर्णय लिया है। अब तक जिला वार्षिक योजना के ‘पब्लिक फैसिलिटी’ हेड के तहत उन ग्राम पंचायतों को प्राथमिकता दी जाती थी जहाँ पहले से सुविधाएं थीं, जिससे बिना श्मशान वाले गांव उपेक्षित रह जाते थे।
पहले ठेकेदारों की सुविधा वाले कामों (जैसे दशक्रिया शेड, पेवर ब्लॉक, प्रोटेक्टिव वॉल) को प्राथमिकता दी जाती थी। जिलाधिकारी ने समीक्षा बैठक के बाद जिला परिषद के ग्राम पंचायत विभाग को निर्देश दिया है कि जिन गांवों में एक भी श्मशान शेड नहीं है, उनके प्रस्ताव तुरंत जमा किए जाएं, वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अब तक केवल 100 शेड मंजूर हुए हैं, जबकि लक्ष्य सभी 553 गांवों को कवर करने का है।
| तालुका | बिना श्मशान वाले गाँव |
|---|---|
| सुरगाणा | 119 |
| बागलाण | 87 |
| त्र्यंबकेश्वर | 83 |
| कलवन | 79 |
| पाढ | 74 |
| इगतपुरी | 29 |
| मालेगांव | 28 |
| दिंडोरी | 15 |
| चांदवड | 10 |
| सिन्नर | 8 |
| येवला | 6 |
| नासिक | 5 |
| नांदगांव | 4 |
| देवला | 3 |
| निफाड | 3 |
जिले के सालाना प्लान में अभी भी 30% फंड शेष है। इसमें जनसुविधा के कामों के लिए करीब 7 करोड़ और इनोवेटिव स्कीम के लिए 35 से 40 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं।
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एक श्मशान शेड के निर्माण पर लगभग 10 लाख रुपये का खर्च आता है। 553 गांवों के लिए कुल 55.30 करोड़ रुपये के फंड की आवश्यकता है।