नाशिक जेल में कैदी की चप्पल से मिला गांजा (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nashik Road Central Jail: नाशिक रोड सेंट्रल जेल के एक कैदी को जिला न्यायालय में सुनवाई के लिए पेश करने के बाद शाम को वापस जेल भेजने पर, उसकी तलाशी के दौरान चप्पल में गांजा बरामद हुआ है। इस घटना से नासिक पुलिस भी संदेह के घेरे में आ गई है। संबंधित कैदी के खिलाफ गांजा रखने का मामला दर्ज किया गया है, और अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या पुलिस मुख्यालय की ‘कैदी पार्टी’ (कैदियों को ले जाने वाली टीम) के कर्मचारी भी इस मामले में शामिल हैं।
खबर है कि संबंधित कर्मचारियों के बयान दर्ज करने और विभागीय जाँच शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है। नाशिक रोड सेंट्रल जेल के कर्मचारी नारायण राजपूत ने शिकायत दर्ज कराई है। न्यायिक कैदी नवनाथ साहेबराव गोरड की चप्पल 1000 मूल्य का 43 ग्राम गांजा मिला। जेल कर्मचारियों द्वारा उसकी तलाशी लेने पर यह खुलासा हुआ। गोरड को गुरुवार 16 अक्टूबर को न्यायिक कार्य के लिए जेल से जिला न्यायालय ले जाया गया था। उस समय वह पुलिस आयुक्तालय मुख्यालय से नियुक्त ‘कैदी पार्टी’ की हिरासत में था। न्यायालयीन कार्रवाई के बाद उसे दोपहर पौने तीन बजे के करीब वापस जेल भेजा गया।
यह घटना सामने आने के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या ‘कैदी पार्टी’ के कर्मचारियों को चप्पल में गांजा होने की जानकारी नहीं थी, गांजा कहाँ से आया—जेल के अंदर से, या न्यायालय परिसर में किसी ने उसे दिया इसकी जाँच की जा रही है। पुलिस मुख्यालय से कुछ निश्चित अधिकारियों को ‘कैदी पार्टी’ के लिए नियुक्त किया जाता है। चर्चा है कि इस ड्यूटी पर नियुक्ति पाने के लिए ये अधिकारी वहाँ के हाज़िरी मास्टर को ‘विशेष’ इनाम (रिश्वत) देते हैं।
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कैदियों और उनके रिश्तेदारों द्वारा यह विशिष्ट इनाम इसलिए दिया जाता है ताकि उन्हें न्यायालय से निकलते समय रिश्तेदारों से मिलने दिया जाए। घर का टिफिन और अन्य वस्तुएं लेने दी जाए। न्यायालयीन प्रक्रिया जल्दी समाप्त होने पर भी शाम को देर से जेल में पेश किया जाए। बाहर होटल में भोजन करने दिया जाए। चर्चा है कि यही रिश्वत संबंधित ड्यूटी पर नियुक्ति करवाने के लिए हाज़िरी मास्टर सहित संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाया जाता है। इस घटना के बाद इस तरह की अनैतिक प्रथाओं पर लगाम लगने की उम्मीद है।