मराठा हाईस्कूल के छात्र करेंगे इसरो की रोमांचक शैक्षणिक यात्रा, सीखेंगे अंतरिक्ष के रहस्य
Nashik News: मराठा विद्या प्रसारक समाज संस्था के नाशिक स्थित मराठा हाई स्कूल में एक अभिभावक बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक स्कूल द्वारा आयोजित की जा रही इसरो शैक्षणिक यात्रा के संबंध में थी, जो 11 से 14 नवंबर के बीच आयोजित होगी। इस सत्र में मार्गदर्शन के लिए विद्यालय के प्रधानाध्यापक पुरुषोत्तम थोरात, एमवीपीएस संस्थान के इसरो समन्वयक पांडुरंग कर्पे, उप-प्रधानाध्यापक संजय ठाकरे, पर्यवेक्षक देवीदास भारती, विजय पवार और प्रताप काले उपस्थित थे।
11 से 14 नवंबर तक चलने वाली इस शैक्षणिक यात्रा का उद्देश्य छात्रों को इसरो के अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान से परिचित कराना है। इस यात्रा के माध्यम से छात्रों को यह समझने का मौका मिलेगा कि वैज्ञानिक किस प्रकार उपग्रह, रॉकेट, चंद्रयान और मंगलयान बनाते हैं, उपग्रह कैसे कार्य करते हैं, उनका प्रक्षेपण कैसे होता है और उनका हमारे दैनिक जीवन से क्या संबंध है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना है। वरिष्ठ शिक्षक सुनील कदम ने अपने प्रारंभिक भाषण में इस बैठक के उद्देश्य और यात्रा के लिए आवश्यक दिशानिर्देशों के बारे में जानकारी दी। अभिभावकों ने इस पहल की सराहना की। इस यात्रा में मराठा हाई स्कूल के 40 छात्र और 6 शिक्षक भाग लेंगे।
पांडुरंग कर्पे ने अपने संबोधन में कहा कि इसरो की यात्रा सिर्फ एक सैर नहीं, बल्कि सीखने और प्रेरणा पाने का एक सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा इस उम्मीद के साथ आयोजित की गई है कि भविष्य में इन्हीं छात्रों में से कोई एक वैज्ञानिक बनकर देश का नाम रोशन करेगा। उन्होंने भारत को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से प्रगति करने वाला देश बताया और इसरो को इस प्रगति का सबसे बड़ा प्रतीक कहा।
प्रधानाध्यापक पुरुषोत्तम थोरात ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि इसरो ने अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत को वैश्विक स्तर पर एक विशेष स्थान दिलाया है। उन्होंने कहा कि इसरो ने यह दिखाया है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग समाज के कल्याण के लिए कैसे किया जा सकता है।
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उन्होंने छात्रों से इसरो के कार्यों से प्रेरणा लेने और विज्ञान के क्षेत्र में योगदान देने का आग्रह किया, जिसे उन्होंने सच्ची राष्ट्रसेवा बताया। उन्होंने इसरो को भारतीय बुद्धिमत्ता, अनुशासन और कड़ी मेहनत का प्रतीक भी बताया। कार्यक्रम का संचालन दीपाली चौधरी ने किया, जबकि जयश्री देवढे ने सभी का आभार व्यक्त किया।