महाराष्ट्र में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों पर होगी कड़ी कार्रवाई, सभी जिला परिषदों को निर्देश जारी
Nashik News: महाराष्ट्र सरकार ने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों के इस्तेमाल पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। दिव्यांग कल्याण विभाग के सचिव तुकाराम मुंढे ने इस संबंध में सभी जिला परिषदों को निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत, तबादलों में छूट या मनपसंद जगह पर तबादला पाने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के प्रमाण पत्रों की जांच की जाएगी।
दिव्यांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 11 के अनुसार, फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी करने वाले को दो साल तक की कैद या एक लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों की सजा हो सकती है। यदि जिला परिषद में कार्यरत किसी अधिकारी, कर्मचारी या शिक्षक का प्रमाण पत्र गलत या जाली पाया जाता है, तो उसे कोई भी लाभ नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा, पहले से मिले लाभों को भी रद्द कर दिया जाएगा और उन पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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सचिव मुंढे ने सभी जिला परिषद के मुख्य अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि यदि किसी दिव्यांग का प्रमाण पत्र गलत या जाली पाया जाता है, या उसकी विकलांगता 40% से कम है, तो उसे कोई भी लाभ नहीं दिया जाए। साथ ही, पहले दिए गए सभी लाभों को रोककर उन पर कार्रवाई की जाए। माना जा रहा है कि इस कदम से कई फर्जी लाभार्थी अब सरकार के रडार पर आ गए हैं।