नासिक सिविल अस्पताल
नासिक: नासिक जिला अस्पताल में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां दो नवजात शिशुओं की अदला-बदली हो गई। इस घटना के बाद परिवार ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया। महिला को बताया गया था कि उसने एक लड़के को जन्म दिया है, लेकिन जब उसे डिस्चार्ज किया गया तो उसके हाथ में एक लड़की थी। इससे महिला और उसके परिवार को बड़ा झटका लगा। परिवार ने लड़की को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया।
इस घटना ने अस्पताल में अफरा-तफरी मचा दी। यह घटना अस्पताल की लापरवाही और गंभीरता की कमी को दर्शाती है, जिसके लिए तत्काल जांच और कार्रवाई की आवश्यकता है। नासिक के जिला सरकारी अस्पताल में रविवार की रात प्रीती पवार नामक महिला प्रसूति के लिए भर्ती हुई थी। उस समय अस्पताल ने बताया कि उसने एक लड़के को जन्म दिया है। यह सुनकर परिवार ने खुशी मनाई और अस्पताल ने अपने रजिस्टर में लड़के के जन्म की दर्ज भी की। इसके बाद मंगलवार की रात जब प्रीती पवार को डिस्चार्ज किया गया, तो उसे एक लड़की दी गई। इससे परिवार को बड़ा झटका लगा क्योंकि उन्हें पहले लड़के के जन्म की जानकारी दी गई थी।
लेकिन जब महिला को डिस्चार्ज किया गया, तो उन्हें एक लड़की दी गई। जब परिवार को पता चला कि उन्हें लड़के की जगह लड़की दी गई है, तो उन्हें बड़ा झटका लगा। परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर अपना गुस्सा व्यक्त किया और अस्पताल में हंगामा किया। इस घटना से जिला अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई।
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परिवार ने रात के समय तक अस्पताल में हंगामा किया और डॉक्टरों के साथ वाद-विवाद हुआ। परिवार ने अस्पताल की लापरवाही के खिलाफ शिकायत की और जांच की मांग की। इस घटना ने अस्पताल की व्यवस्था और प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं और इसके लिए तत्काल जांच और कार्रवाई की आवश्यकता है।
परिवार ने लड़की को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इसके बाद अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों ने परिवार के साथ बातचीत की, लेकिन परिवार किसी भी समझौते के लिए तैयार नहीं था। प्रहार संगठन और लड़के के परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर कई आरोप लगाए। उन्होंने अस्पताल की लापरवाही और गभीरता की कमी को उजागर किया।
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फिलहाल, इस मामले की शिकायत पुलिस में नहीं की गई है, लेकिन परिवार और संगठन ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। यह मामला अब भी विवादित है और इसके लिए जांच और कार्रवाई की आवश्यकता है।
नासिक के सरकारी अस्पताल में ऐसी घटनाएं पहले भी हुई हैं। इससे पहले, एक जीवित बच्चे को मृत घोषित करने की घटना हुई थी। इसके अलावा, आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के शरीर से सोने की चोरी होने की घटना भी इसी अस्पताल में हुई थी। इन घटनाओं के कारण, यह अस्पताल हमेशा विवादों में रहता है। अस्पताल की लापरवाही और गंभीरता की कमी के आरोप लगते रहते हैं। इससे मरीजों और उनके परिवारों में अस्पताल के प्रति अविश्वास बढ़ता है।