नाशिक : नाशिक महानगरपालिका चुनाव (Nashik Municipal Elections) की सरगर्मियां शुरू हो गई है। कई इच्छुकों ने चुनावी आखाड़े में उतरने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके चलते उम्मीदवारों (Candidates) की संख्या लगातार बढ़ रही है। पंचवटी (Panchavati) में भाईगिरी करने वाले और आपराधिक पार्श्वभूमी के अनेक लोग इस चुनाव के लिए इच्छुक है। जिन्होंने अपने विरोध में चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक होने वालों को धमकाना शुरू कर दिया है। इसलिए चुनाव के दौरान आपराधिक वारदातों में वृद्धि होने वाली है।
पंचवटी परिसर की पहचान धार्मिक क्षेत्र के रूप में है, जो अब धीरे-धीरे अपराधीयों का गढ़ भी बन रहा है। शहर में होने वाली आपराधिक घटनाओं का कनेक्शन विगत दो-तीन वर्षो के दौरान पंचवटी के आपराधिक घटनाएं कम हुई थी। लेकिन अब आपराधिक वारदात फिर से शुरू हुई है। राजनीति में गुंडों को स्थान देने पर राजनीति के धुरंधर जोर दे रहे है। इसलिए ‘रिकॉर्ड’ के कई अपराधी चुनाव के मैदान में उतरे है। झोपडपट्टी ही नहीं सुशिक्षित, सुसंस्कृत आबादी वाले परिसर में भी वह दस्तक दे रहे है। इसमें से कई लोग प्रमुख राजनीतिक दलों के पास टिकट मांग रहे है। विगत चुनाव में वोटों की गिनती के दौरान गोलीबारी हुई थी। वोटों की गिनती के दौरान मतगणना कार्यालय के बाहर परिसर में वाहनों में तोड़फोड़ की गई। पथराव भी हुआ, लेकिन इस बार चुनाव की तारीख घोषित होने से पूर्व संभावित विरोधियों को धमकाना शुरू किया है। इसलिए पंचवटी के कुछ प्रभागों में संवेदनशील माहौल निर्माण करने की संभावना जताई जा रही है।
महानगरपालिका चुनाव के लिए पंचवटी में 8 प्रभाग होंगे। कुछ प्रभागों में एक पार्टी के दो से तीन वर्तमान नगरसेवक एक दूसरे के सामने होंगे, जो अपनी पार्टी से चुनाव का एबी फार्म प्राप्त करने के लिए जोर आजमाइश कर रहे है। इसमें असफलता प्राप्त होने पर दूसरी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लढ़ने की तैयारी भी कर रहे है। इसलिए जिस पार्टी के पास इच्छुकों की संख्या कम है, उन्हें ऐन मौके पर उम्मीदवार मिल सकते है। अनुसूचित जाती और जनजाति के लिए अब तक लकी ड्रा नहीं हुआ है, लेकिन शहर के किस प्रभाग में किस का आरक्षण हो सकता है? इसका अंदाजा लगाया जा रहा है। महिला आरक्षण को लेकर निश्चिती नहीं होने से प्रभाग में पति-पत्नी में से एक को उम्मीदवार बनाने का निर्णय आरक्षण की चिट्ठी खुलने के बाद होगा।