लाडली बहन योजना में बड़ा घोटाला! (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nashik News: महायुति सरकार की महत्वाकांक्षी लाडकी बहन योजना में बड़े गैरव्यवहार का खुलासा हुआ है। पात्रता न रखने वाली कई महिलाएं भी इस योजना से लाभ उठा रही हैं। महिला एवं बालविकास विभाग ने अपात्र महिलाओं की सूची सरकार को सौंप दी है। हालांकि, इस संबंध में अधिकृत जानकारी देने से टालमटोल की जा रही है, जिससे अधिकारियों पर सरकार के दबाव की चर्चा तेज हो गई है।
लोकसभा चुनाव में पराजय के बाद महायुति सरकार ने विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर लाडली बहन योजना शुरू की थी। इसके तहत पात्र महिलाओं को हर माह 1500 दिए जा रहे हैं। मगर जांच में सामने आया कि चारपहिया वाहन, मकान और आर्थिक रूप से सक्षम पृष्ठभूमि रखने वाली महिलाएं भी इस योजना का लाभ ले रही हैं।
अंगणवाड़ी सेविकाओं की मदद से जिलेभर में घर-घर जाकर अपात्र महिलाओं की खोज की गई। इसमें सामने आया कि कई महिलाएं राजकीय पार्श्वभूमि वाली या सरकारी नौकरी में होते हुए भी योजना से लाभ उठा रही हैं।
अंगणवाड़ी सेविकाओं ने तैयार की गई अपात्र महिलाओं की सूची महिला एवं बालविकास विभाग को सौंपी। विभाग ने यह रिपोर्ट सरकार तक पहुंचाई है। लेकिन, कितनी महिलाएं अपात्र पाई गई हैं, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा रही। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, सरकार की ओर से ही यह जानकारी लीक न करने के आदेश मिले हैं।
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सुनील दुसाने, जिल्हा महिला व बालविकास विभाग अधिकारी ने कहा कि लाडली बहन योजना के तहत अपात्र महिलाओं की जानकारी सरकार को भेज दी गई है। इस संबंध में अभी तक कार्यालय को कोई पत्र नहीं मिला है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गट) की सांसद सुप्रिया सुले ने नाशिक दौरे के दौरान दावा किया कि राज्यभर से 25 लाख महिलाओं के नाम रद्द किए गए हैं। नाशिक जिले में अपात्र महिलाओं की संख्या कितनी है, इस पर उत्सुकता है। मगर अधिकारियों की भूमिका के कारण अभी भी यह जानकारी गोपनीय रखी गई है।