
बागुल गैंग (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nashik Bagul Gang Crime News: विसे मल्ला गोलीबारी प्रकरण में पहले से ही नासिक रोड जेल में बंद बागुल गैंग पर अब एक और गंभीर मामला दर्ज हुआ है। गैंग के सदस्य अजय बागुल, मामा राजवाडे, संजय राठी, महेश राठी और बालासाहब उर्फ भगवंत पाठक समेत 20 आरोपियों पर जमीन कब्जे और फिरौती के आरोप में म्हसरूल पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।
इन आरोपियों पर जमीन के प्लॉट का जबरन कब्जा करने, 57 लाख रुपये की वसूली, और कब्जा छोड़ने के बदले 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने का आरोप है। इस प्रकरण से अब तक पुलिस रिकॉर्ड पर न आए बालासाहब पाठक का नाम पहली बार सामने आया है, जिससे बागुल गैंग की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं।
शिकायतकर्ता चंदन गोटीराम भोईर (40) ने बताया कि आरोपी संजय राठी, महेश राठी, अजय बागुल, मामा राजवाडे, मीना लोलगे, प्रतीक लोलगे, उसके भाई और अन्य 10 से 12 अज्ञात लोगों ने मिलकर उनके परिवार को धमकाया और जमीन पर जबरन कब्जा किया।
आरोपियों ने लोहे की रॉड और डंडों के साथ भोईर के घर के कंपाउंड में जबरन प्रवेश किया। उन्होंने प्लॉट की तार-फेंसिंग और बोर्ड तोड़ दिया तथा खुद की दीवार बनाकर कब्जा कर लिया।
विरोध करने पर आरोपियों ने भोईर परिवार को जान से मारने की धमकी दी और मारपीट की। संजय राठी और प्रतीक लोलगे ने चंदन भोईर पर लोहे की रॉड से हमला भी किया, लेकिन वार चूक गया।
शिकायत में कहा गया है कि आरोपियों ने मिलीभगत कर 57 लाख रुपये की फिरौती वसूली। इसके बाद आरोपियों ने धमकाकर भोईर परिवार से जमीन से संबंधित सुलहनामा (समझौता पत्र) पर जबरन हस्ताक्षर करवाए।
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इसके बावजूद, अजय बागुल, मामा राजवाडे और बालासाहब पाठक ने जमीन का कब्जा छोड़ने के लिए 2 करोड़ रुपये की अतिरिक्त फिरौती की मांग की। अगर मांग पूरी नहीं की गई, तो पूरे परिवार को खत्म करने और जमीन को स्थायी रूप से अपने कब्जे में रखने की धमकी दी गई।
भोईर परिवार पेशे से मूर्तिकार है और भगवान शिव तथा काली माता की मूर्तियां बनाता है। शहर में कई श्रद्धालुओं की व्यक्तिगत समस्याओं को दूर करने के लिए यह परिवार जाना जाता है। बताया गया कि 16 मार्च से अगस्त 2025 के बीच परिवार लगातार दहशत के माहौल में जी रहा था।
जब परिवार ने पुलिस में शिकायत की, तो पहले इसे दीवानी मामला बताकर टाल दिया गया था लेकिन हाल ही में गोलीकांड और पंजाब बार प्रकरण में उन्हीं आरोपियों की गिरफ्तारी होने के बाद भोईर परिवार ने हिम्मत जुटाई और फिर से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस पूरे मामले की जांच सहायक निरीक्षक उमेश बोरसे वरिष्ठ निरीक्षक अंकुश चिंतामण के मार्गदर्शन में कर रहे हैं।






