नासिक ठाकरे गुट फर्जी वोटर लिस्ट (pic credit; social media)
Fake Voters in Nashik: महाराष्ट्र की राजनीति में फिर हलचल मच गई है। आगामी स्थानीय निकाय और विधानसभा चुनावों से पहले नासिक की मतदाता सूचियों में चौंकाने वाली गड़बड़ी का आरोप सामने आया है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे) गुट ने जिलाधिकारी को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपते हुए सनसनीखेज दावा किया है कि नासिक शहर और देवलाली समेत 15 विधानसभा क्षेत्रों में 3 लाख 53 हजार 149 मतदाता ‘डुप्लीकेट’, ‘फर्जी’ पाए गए हैं।
ठाकरे गुट का आरोप है कि यदि ये नाम मतदाता सूची में बने रहे, तो आगामी नगर निगम, जिला परिषद और विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को अनुचित लाभ मिल सकता है। पार्टी ने इसे चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की साजिश करार दिया है और फर्जी नाम तुरंत हटाने की मांग की है।
शिवसेना (उबाठा) नेताओं उपनेता दत्ता गायकवाड़, सांसद राजाभाऊ वाजे, जिला प्रमुख डी. सूर्यवंशी और पूर्व विधायक वसंत गीते ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि “चुनाव की पवित्रता तभी बनी रह सकती है जब मतदाता सूची पारदर्शी हो।”
ज्ञापन में पार्टी ने प्रमुख मांग रखी है कि डुप्लीकेट और फर्जी नामों को हटाया जाए, सत्यापन के लिए इस्तेमाल किए गए दस्तावेजों की जांच हो और दोषपूर्ण प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर आपराधिक कार्रवाई की जाए।
वहीं, प्रशासनिक सूत्रों ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि “बल्क या सामूहिक” रूप में दर्ज आपत्तियां स्वीकार नहीं की जा सकतीं। अधिकारी अब इन शिकायतों की व्यक्तिगत स्तर पर जांच कर रहे हैं। चुनाव आयोग के अनुसार नाम हटाने का मापदंड, फोटो समानता, नाम, पता, आयु और रिश्तेदार के नाम का मिलान होगा।
इस बीच ठाकरे गुट ने सवाल उठाया है कि जब लाखों नाम एक साथ सूची में जुड़ सकते हैं, तो उनकी शिकायतें “बल्क” क्यों नहीं मानी जा रहीं? पार्टी ने इसे “लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ खिलवाड़” बताया।
इस विवाद ने नाशिक की राजनीति में गरमी ला दी है। विपक्ष ने इसे सत्तारूढ़ गठबंधन का “चुनावी खेल” बताया है, जबकि प्रशासन ने जांच पूरी होने तक किसी नतीजे पर न पहुंचने की अपील की है।