
नाशिक. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के चलते स्कूल बंद (School Closed) होने से गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं। नाशिक महानगरपालिका स्कूलों (Nashik Municipal Schools) के 26 हजार 30 विद्यार्थी (Student) में से 15 हजार 143 विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा (Online Education) की सुविधा उपलब्ध हो पाई है तो 8 हजार 838 विद्यार्थी पाठ्यपुस्तक पर निर्भर है। साथ ही 2 हजार 41 विद्यार्थी शिक्षा के प्रवाह से दूर हो गए हैं। विशेष यह है कि संबंधित 2 हजार 49 विद्यार्थियों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। यह बात नाशिक महानगरपालिका के शिक्षा विभाग (Nashik Municipal Education Department) को प्राप्त हुई रिपोर्ट (Report) से सामने आई है।
कोरोना महामारी से हुई आर्थिक मंदी के चलते परिवार के पालन पोषण के लिए अभिभावकों द्वारा स्थानांतरण करने से यह विद्यार्थी शिक्षा से वंचित हो गए हैं। यह अपने आप में एक बड़ी बात है। नाशिक महानगरपालिका की शहर में 88 प्राथमिक तो 13 माध्यमिक स्कूल हैं। प्राथमिक स्कूल में 22 हजार 479 तो माध्यमिक स्कूल में 3 हजार 551 विद्यार्थी हैं।
नाशिक महानगरपालिका के स्कूलों में अधिकतर विद्यार्थी जरूरतमंद परिवार से हैं। निजी स्कूल की स्पर्धा में अपना स्थान बरकरार रखने के लिए नाशिक महानगरपालिका के स्कूलों में दर्जात्मक शिक्षा देने के लिए शिक्षा विभाग प्रयास कर रहा है। ऐसे में महामारी के चलते शिक्षा से विद्यार्थी वंचित न रहे इसलिए स्कूल से अलग हुए विद्यार्थियों की खोजकर उन्हें शिक्षा के प्रवाह में लाने के लिए शिक्षक प्रयास कर रहे हैं। विद्यार्थियों को पढ़ाई से लगाव हो और अभिभावकों द्वारा शिक्षा पर होने वाला खर्च कम हो इसलिए महानगरपालिका द्वारा विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक, शालेय गणवेश, शूज, स्कूल बैग आदि साहित्य दिया जाता है।
निजी स्कूलों की तर्ज पर महानगरपालिका के स्कूलों के विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है, लेकिन उसका प्रतिशत बहुत कम है। महामारी के चलते पिछले डेढ़ सालों से कई कंपनियां, कारखाने बंद हो गए हैं। नागरिक रोजगार से वंचित हो गए हैं। बड़े तौर पर कर्मचारियों की कटौती की गई है। इसके चलते नाशिक में रोजगार के लिए आए नागरिक स्थानांतरित हो गए हैं। परिणामस्वरूप नाशिक महानगरपालिका के स्कूलों में शिक्षा लेने वाले उनके बच्चे शिक्षा के प्रवाह से दूर हो गए हैं।
आर्थिक स्थिति कमजोर होने से सभी छात्रों को मोबाइल, टैब जैसे ऑनलाइन शिक्षा के साधन उपलब्ध न होने से 8 हजार 838 विद्यार्थी पाठ्यपुस्तक पर निर्भर है। शिक्षक घर-घर पहुंच कर पाठ्यक्रम पूर्ण करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सभी विद्यार्थियों के घर पहुंचना शिक्षकों को संभव न होने की बात सामने आई है।
[blockquote content=”निजी स्कूलों की तर्ज पर नाशिक महानगरपालिका स्कूलों के विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है, लेकिन ऑनलाइन शिक्षा के साधन न होने वाले विद्यार्थियों के घर जाकर शिक्षक पाठ्यक्रम पूर्ण करने का प्रयास कर रहे है, लेकिन महामारी से अनेक परिवार बेरोजगार हुए, जो अपने-अपने गांव जाने से विद्यार्थी शिक्षा के प्रवाह से दूर हो गए। ” pic=”” name=”- सुनीता धनगर, शिक्षाधिकारी, नाशिक महानगरपालिका”]






