बीजेपी सांसद नारायण राणे (pic credit; social media)
मुंबई: दिशा सालियान सुसाइड मामले में मुंबई पुलिस एसआईटी की रिपोर्ट बॉम्बे हाई कोर्ट को सौंपी गई। बॉम्बे हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद आदित्य ठाकरे को क्लीन चिट मिल गई। बीजेपी सांसद नारायण राणे ने दिशा सालियान मौत मामले में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने SIT की रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वह इसे नहीं मानते। राणे ने दावा किया कि ‘मैं 101 टक्के मानता हूं कि दिशा सालियान की हत्या हुई है।
बीजेपी सांसद नारायण राणे का कहना है कि अगर हत्या नहीं थी, तो पोस्टमॉर्टम के लिए डॉक्टर को क्यों बदला गया? कर्मचारियों को क्यों हटाया गया?’ नारायण राणे के इस बयान से एक बार फिर यह मामला सियासी गलियारों में गरमाने लगा है। SIT ने अपनी रिपोर्ट में दिशा की मौत को आत्महत्या बताया था, लेकिन राणे इससे संतुष्ट नहीं हैं।
बालासाहब ब्रांड हैं, उनके बाद कोई ब्रांड नहीं
नारायण राणे ने शिवसेना के संस्थापक बालासाहब ठाकरे को लेकर कहा कि ‘बालासाहब ठाकरे एक ब्रांड हैं। उनके बाद कोई ब्रांड नहीं है। उनका ब्रांड रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता। लोग आज भी उन्हें सम्मान से याद करते हैं। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक साथ आने पर भी राणे ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘राज और उद्धव के मिलने से मुझे खुशी है। ये दो भाइयों का मिलन है, लेकिन जब एमएनएस और यूबीटी सेना एक साथ आते हैं, तो वो रिश्ता भावनात्मक नहीं, राजनीतिक होता है।
उद्धव-राज ठाकरे के साथ आने पर नारायण राणे बोले- उनकी कोई ताकत नहीं, हमारे पास…
उद्धव सरकार ने सिर्फ गठबंधन की राजनीति की
बीजेपी सांसद नारायण राणे ने ये भी कहा कि ‘राज ठाकरे ही बता सकते हैं कि पिछले 19 सालों में उनके बीच क्या हुआ। राजनीति में कभी-कभी समझौता करना पड़ता है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमला करते हुए राणे ने सवाल पूछा कि ‘जब वो मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने मराठी लोगों के लिए क्या किया?’ राणे ने कहा कि उद्धव सरकार ने सिर्फ गठबंधन की राजनीति की, लेकिन मराठी समाज के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
नारायण राणे के इन बयानों को बीजेपी की रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है। दिशा सालियान केस को फिर से उठाकर उन्होंने विपक्ष, खासकर शिवसेना (यूबीटी) को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। साथ ही राज-उद्धव की नजदीकियों को भी राजनीतिक रंग देने की कोशिश साफ दिख रही है।