
विधानभवन (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Maharashtra Politics: शीतकालीन अधिवेशन 8 दिसंबर से विंटर कैपिटल नागपुर में शुरू हो रहा है। सरकार पहुंच चुकी है। सारे मंत्रालयीन अधिकारियों का अमला कामकाज में व्यस्त है। मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री सहित सारे केबिनेट मंत्रियों और विधायकों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। सत्र शुरू होने की पूर्व संध्या 7 दिसंबर की शाम 6 बजे मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने अपने शासकीय निवास रामगिरी में चायपान का आयोजन किया है जिसमें विपक्ष को भी आमंत्रित किया गया है।
इसमें डीसीएम एकनाथ शिंदे और अजीत पवार भी उपस्थित रहेंगे। चायपान के बाद रात 8 बजे के बाद कैबिनेट की बैठक लेंगे। महायुति सरकार ने अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण किया है। विपक्ष बीते वर्ष भर में उजागर हुए घोटालों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। सरकार की पहली सालगिरह पर घोटालों का ग्रहण लगना निश्चित है।
हमेशा की तरह विपक्षी दल सीएम की चाय का बहिष्कार करने ही वाले हैं। पहले ही कांग्रेस गुट नेता विजय वडेट्टीवार, शिवसेना यूबीटी व राकां एसपी के नेता सरकार पर विविध मुद्दों को लेकर आक्रामकता दिखा रहे हैं। खासकर बिगड़ती कानून व्यवस्था, सत्ताधारियों की दादागीरी, बेरोजगारी, मंत्रियों के बिगड़े बोल व विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए तानाशाही करने का आरोप सरकार पर लगाया जा रहा है।
विधायकों की संख्या पर्याप्त नहीं होने के चलते विपक्षी दलों कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी व राकां शरद पवार पार्टी में किसी को भी विपक्षी दल नेता का पद नहीं मिला है। बावजूद इसके मविआ में शामिल घटक दलों के नेता संयुक्त बैठक लेकर सरकार को घेरने की रणनीति तय करने वाला है। एक वर्ष में हुए घोटाले विपक्ष का मुख्य हथियार होगा।
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डीसीएम अजीत पवार के पुत्र पार्थ पवार का जमीन घोटाला मुख्य रूप से गूंजने वाला है। इसमें डीसीएम पवार को घेरा जाएगा। चुनाव में वोट चोरी और किसानों को कर्जमाफी, सरकारी जमीनों को निजी हाथों बेचने, संतोष देशमुख व संपदा मुंडे हत्याकांड जैसे मुद्दे दोनों सदनों में गूंजेंगे।
0- 6 बजे शाम को सीएम का चाय-पान
0- 8 बजे रात के बाद कैबिनेट की बैठक
0- 1 बजे के करीब दोपहर विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक






