
विराआंस की बैठक में लिया संकल्प
Vidarbha State Movement Committee: विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने ‘मिशन 2027’ की घोषणा की है। समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि किसी भी सूरत में वर्ष 2027 के अंत तक स्वतंत्र विदर्भ राज्य हासिल करना है। प्रेस परिषद में अध्यक्ष वामनराव चटप ने बताया कि स्वतंत्र राज्य की मांग लगभग 120 वर्ष पुरानी है लेकिन जब से इस क्षेत्र को संयुक्त महाराष्ट्र में शामिल किया गया तब से विदर्भ पर अन्याय का सिलसिला शुरू हुआ जो अब तक जारी है।
यहां के संसाधनों का उपयोग कर पश्चिम महाराष्ट्रवादी नेताओं ने अपने क्षेत्र का विकास कर लिया लेकिन विदर्भ को शोषित व पिछड़ा बना दिया। जब तक स्वतंत्र विदर्भ राज्य नहीं बनता तब तक इस क्षेत्र के साथ न्याय नहीं हो सकता। प्रेस परिषद में रंजना मामर्डे, डॉ. श्रीनिवास खांदेवाले, मुकेश मासुरकर, अरुण केदार, तात्यासाहब मते, सुनील चोखारे, नरेश निमजे और प्रवीण राऊत उपस्थित थे।
उन्होंने बताया की विदर्भ के ग्रामीण भागों में स्वतंत्र विदर्भ आंदोलन की लहर फैलाने के लिए 6 विदर्भ निर्माण जन संकल्प सम्मेलन आयोजित किये गए जिनमें मेलघाट जैसे दुर्गम क्षेत्रों का भी समावेश था। अब समय आ गया है कि शहरी क्षेत्रों में भी विदर्भ आंदोलन की ज्वाला घर-घर पहुंचाई जाए और महाराष्ट्र की वित्तीय बदहाली की वास्तविक स्थिति जनता के सामने लाई जाए।
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स्वतंत्र राज्य गठन ही विदर्भ विकास का एकमात्र रास्ता है। यह संदेश घर-घर तक पहुंचाने के लिए समिति ने 16 दिसंबर को दोपहर 12 बजे नागपुर के इतवारी स्थित विदर्भ चंडिका मंदिर शहीद चौक से लांग मार्च निकालने का निर्णय लिया है। यह मार्च चिटणीस पार्क तक पहुंचेगा जहां दोपहर 1 बजे विदर्भ निर्माण जन संकल्प सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। समिति ने नागरिकों से बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील की है।






