
वाड़ी नगर परिषद (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur Elections: वाड़ी नगर परिषद के नगराध्यक्ष और 13 प्रभागों के सदस्य चुनाव के लिए मंगलवार को शांतिपूर्वक मतदान हुआ, लेकिन मतदान प्रतिशत अपेक्षाकृत कम होने के कारण यह चुनाव चर्चा का विषय बन गया। कुल 53.33% मतदान हुआ, जो स्थानीय चुनावों के लिहाज से संतोषजनक नहीं माना जा रहा है।
कुल 59,537 मतदाताओं में से 31,749 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जिनमें से 16,370 पुरुष और 15,379 महिला मतदाता थे। वाड़ी नगर परिषद चुनाव में कुल 62 मतदान केंद्र बनाए गए थे, जिनमें से कुछ केंद्रों पर ईवीएम मशीनों में तकनीकी खराबी आई। विशेष रूप से दत्तवाड़ी शिलादेवी मतदान केंद्र पर बार-बार ईवीएम मशीन बंद होने से मतदान प्रक्रिया में विघ्न पड़ा।
इसके बाद, उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधियों ने चुनाव अधिकारियों से शिकायत की, जिसके बाद मशीन की बैटरी बदलकर मतदान प्रक्रिया को फिर से शुरू किया गया। इस केंद्र पर अतिरिक्त समय दिया गया ताकि सभी मतदाता अपना मतदान कर सकें। चुनाव अधिकारी वंदना सारंगपत्ते और सहायक चुनाव अधिकारी डॉ. ऋचा धाबर्डे के नेतृत्व में मतदान प्रक्रिया को पूरी तरह से व्यवस्थित किया गया था।
प्रशासन ने मतदान केंद्रों पर सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की थीं, जैसे कि व्हीलचेयर, बैठने के लिए कुर्सियां, छांव के लिए मंडप, और विकलांग तथा वृद्ध मतदाताओं के लिए विशेष इंतजाम। मतदान केंद्रों पर आकर्षक सेल्फी पॉइंट्स भी लगाए गए थे, जो मतदाताओं के लिए आकर्षण का केंद्र बने।
चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत धीमी रही, और पहले दो घंटे में केवल 10% मतदान हुआ। फिर धीरे-धीरे मतदान प्रतिशत बढ़ता गया और साढ़े 5 बजे तक 52% मतदान पूरा हुआ। हालांकि, मतदान में धीमी गति से शुरुआत होने के कारण यह एक चर्चा का विषय बन गया। विशेष रूप से, यह देखा गया कि कई क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या कम थी, और कुछ मतदान केंद्रों पर मतदान बहुत ही कम हुआ।
चुनाव परिणाम की घोषणा 3 दिसंबर को होने वाली थी, लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मतगणना को 21 दिसंबर तक स्थगित कर दिया गया। यह जानकारी जैसे ही क्षेत्र में फैल गई, उम्मीदवारों और उनके समर्थकों के बीच मायूसी का माहौल बन गया। लंबी प्रतीक्षा और अनिश्चितता के चलते उम्मीदवारों ने अपनी नाराजगी जताई।
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वाड़ी नगर परिषद चुनाव में कुछ अन्य शिकायतें भी सामने आईं। जैसे कि प्रभाग 12, बूथ क्रमांक 5 पर कैलास चंदेल नामक व्यक्ति के नाम पर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा मतदान किए जाने की शिकायत प्राप्त हुई। इसके अलावा, प्रशासन ने सभी मतदान केंद्रों पर पर्याप्त पुलिस बंदोबस्त सुनिश्चित किया था, ताकि मतदान प्रक्रिया शांति से संपन्न हो सके।
इस चुनाव में सभी राजकीय दलों और उम्मीदवारों ने मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन उपायों की योजना बनाई थी। चुनाव अधिकारियों और प्रशासन ने भी जनजागरण कार्यक्रमों के माध्यम से मतदाताओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित किया था। फिर भी, मतदान प्रतिशत में कमी ने सभी को चौंका दिया और यह एक अहम चर्चा का विषय बन गया।






