नागपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेस में मौजूद सुप्रिया सुले (फोटो नवभारत)
Supriya Sule Attacked BJP: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने बीजेपी पर करारा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने एनसीपी को अनुचित तरीके से तोड़ा। उन्होंने कहा कि जो पार्टियां नीतियों को लागू करने और सामाजिक मुद्दों को हल करने के लिए राजनीति में आईं, उन्हें दुर्भाग्य से कोर्ट-कचहरी के चक्करों में फंसा दिया गया है। भाजपा ने फोड़ाफोड़ी का नया ट्रेंड शुरू किया है, जो लोकतंत्र के लिए बेहद घातक है।
सांसद सुप्रिया सुले ने चुनाव आयोग पर भी लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। आज उसके प्रति आस्था, विश्वास और विश्वसनीयता कम हो गई है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक भाजपा ने तोड़फोड़ और पाला बदलवाने का खेल चलाया हुआ है।
सुप्रिया सुले स्थानीय निकाय चुनाव के प्रचार व कुछ पारिवारिक कार्यक्रमों के सिलसिले में नागपुर आई थीं। इस दौरान प्रेस परिषद में उन्होंने भाजपा पर जमकर निशाना साधा।
सुले ने कहा कि राज्य की आर्थिक स्थिति डगमगा गई है। फिर भी सरकार बेहिसाब खर्च कर रही है। अपराध, बेरोजगारी और आत्महत्याओं में हो रही बढ़ोतरी पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों के समाधान में सरकार की कोई रुचि नहीं है। इसके उलट आधारभूत सुविधाओं के करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट लगातार लाए जा रहे हैं।
यह सब किसके लिए और किस जिद में किया जा रहा है, यह सभी जानते हैं। नैतिकता को भुला चुकी इस महायुति सरकार में ‘असंस्कृत’ भाजपा ने तो हद ही पार कर दी है। उन्होंने पुणे में बढ़ती अपराध दर, राज्य में निवेश के फर्जी आंकड़े और जल जीवन मिशन की विफलता पर भी तीखी टिप्पणी की।
सुप्रिया सुले ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, प्रमोद महाजन, सुषमा स्वराज और अरुण जेटली के समय भाजपा अपनी शालीनता और सुसंस्कृत छवि के लिए पहचानी जाती थी। संसद में वे बोलते थे तो विपक्ष भी उत्सुकता से उनकी आलोचना सुनता था। प्रकाश जावड़ेकर, नवीन कोहली, निर्मला सीतारमण जैसे प्रवक्ता थे।
आज तो टीवी चैनलों पर आने वाले भाजपा प्रवक्ताओं के नाम भी बताना मुश्किल है। उन्हें क्या सिखाया जाता है, किसे पता? सुले ने चुनौती दी कि आज संसद में भाजपा का एक भी सुसंस्कृत वक्ता दिखा दीजिए। मतभेद होने के बावजूद मर्यादा नहीं लांघने का जो स्वर्णकाल था, वह अब समाप्त हो चुका है।
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10 साल पहले कांग्रेस पर जो आरोप लगाकर भाजपा हंगामा करती थी, आज वही हालत भाजपा की है। घरानाशाही किसकी है, यह पूछने की नौबत आ गई है। भाजपा का पूरा ‘कांग्रेसीकरण’ हो गया है। संसद और विधानमंडल में वही दिखाई दे रहा है।
पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के परिवार में चल रहे विवाद पर सुले ने कहा कि सलिल देशमुख जल्दी ही प्रचार में नजर आएंगे। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में रहने वाले नेताओं को रिश्तों की भावनाओं का पूरा अधिकार नहीं होता।
देशमुख परिवार का राज्य और राष्ट्रवादी पार्टी की राजनीति में बड़ा योगदान है। सलिल ने भी पिछले एक दशक में पार्टी के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसलिए वह राष्ट्रवादी को छोड़ेंगे, इस चर्चा में ज़रा भी सच्चाई नहीं है।