
फाइल फोटो
School Id Scam: शालार्थ आईडी घोटाला उजागर होने के बाद पुलिस द्वारा दिखाई गई चुस्ती के शुरुआती दौर में कई लोगों की गिरफ्तारियां सुनिश्चित की गईं। समय के साथ ठंडे बस्ते में चली गई जांच में अब हाई कोर्ट की ओर से कई मामलों में आदेश जारी हो रहे हैं।
शालार्थ आईडी की जांच के कारण अटके वेतन के लिए कई शिक्षकों द्वारा अलग-अलग याचिकाएं दायर की गईं जिस पर हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद मार्च 2025 से रुका वेतन जारी करने का आदेश दिया है, साथ ही शालार्थ आईडी जांच जारी रखने का आदेश भी दिया है। कोर्ट ने आदेश में वेतन यूनिट के अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ताओं का मार्च 2025 से लेकर आज तक का रुका हुआ वेतन तुरंत जारी करें और भविष्य में भी वेतन बिल जमा होने पर भुगतान सुनिश्चित करें।
याचिकाकर्ताओं ने यह याचिका इसलिए दायर की थी क्योंकि मार्च 2025 से उनका वेतन रोक दिया गया था, जबकि उनके पास ‘शालार्थ आईडी’ मौजूद थी और वे पहले भी इसी आईडी के माध्यम से भुगतान प्राप्त कर रहे थे। सुनवाई के दौरान प्रतिवादी की ओर से यह तर्क दिया गया था कि वेतन बिल जमा नहीं किए गए थे। जिस कारण वेतन जारी नहीं किया गया।
हालांकि अन्य प्रतिवादियों के वकील ने अदालत के समक्ष दस्तावेज प्रस्तुत किए जिनमें दर्शाया गया कि वेतन बिल जमा किए गए थे, लेकिन पे यूनिट ने कुछ कमियों को पूरा करने के लिए उन्हें वापस कर दिया था। यह भी सामने आया कि हेडमास्टर ने 3 मई 2025 को बिल फिर से जमा किए थे। कोर्ट ने इस तथ्य पर गौर किया कि जब बिल जमा कर दिए गए थे तब याचिकाकर्ताओं का वेतन रोकने का कोई अधिकार नहीं था।
ये भी पढ़ें: डुप्लीकेट मुस्लिम वोट के आरोपों पर भड़के नितिन राऊत, बोले-धर्म के नाम पर फूट डालने की कोशिश






