
सशस्त्र सेना झंडा दिवस निधि, सैनिक परिवारों के लिए बड़ा सहारा (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Devendra Fadnavis In Nagpur : सैनिकों का देश के प्रति समर्पण किसी भी मूल्य से परे है। सीमाओं पर कठिन परिस्थितियों में रहकर देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के परिवारों की सहायता के लिए सरकार विभिन्न योजनाएं लागू करती है। सशस्त्र सेना झंडा दिवस निधि के माध्यम से भी वीर सैनिकों के परिवारों को सहयोग उपलब्ध कराया जाता है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह निधि, सैनिक परिवारों के लिए एक बड़ा सहारा सिद्ध होती है।
रामगिरी शासकीय निवास पर मुख्यमंत्री फडणवीस की अध्यक्षता में सशस्त्र सेना झंडा दिवस निधि संकलन अभियान का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर पूर्व सैनिक कल्याण मंत्री शंभूराज देसाई, वित्त एवं नियोजन राज्य मंत्री आशीष जायसवाल, पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव पंकज कुमार, पूर्व सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक कर्नल मनोहर थोंगे, विभागीय आयुक्त विजयालक्ष्मी बिदरी, कलेक्टर विपिन इटणकर, जिला परिषद सीईओ विनायक महामुनि सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सैनिक के जीवन का कोई मूल्य नहीं लगाया जा सकता। हालांकि, उनके परिवारों को सहारा देने के लिए सरकार की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि 25 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दी गई है। सेना के प्रति भावना रखने वाले नागरिक भी अपनी आय में से झंडा दिवस निधि में योगदान देते हैं और यह निधि सैनिकों के कल्याण के कार्यों में उपयोग की जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से दुनिया ने भारतीय सेना की वीरता को देखा है। भारतीय सेना आज विश्व की शक्तिशाली सेनाओं में सम्मिलित है और भविष्य में आने वाली किसी भी चुनौती का सामना करने में पूरी तरह सक्षम है। हमारे सैनिकों के शौर्य से देश की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार झंडा दिवस निधि में योगदान देकर सैनिकों के प्रति सम्मान व्यक्त करे।
कार्यक्रम में झंडा दिवस निधि का बैज लगाकर संकलन अभियान का शुभारंभ किया गया। नागपुर जिले द्वारा लक्ष्य पूर्ति में उत्कृष्ट कार्य के लिए विभागीय आयुक्त, जिला अधिकारी और प्रमुख अधिकारियों को सम्मानित किया गया।
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नागपुर शहर के फूल विक्रेता आशीष गड़ीकर और संतोष गड़ीकर को प्रतिमाह 500 रुपये झंडा दिवस निधि में दान करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा विशेष सम्मान दिया गया।
वहीं 1965 और 1971 के युद्ध में सहभागी रहे मेजर हेमंत जकाते को 2025 के निधि संकलन में 50,000 रुपये के योगदान हेतु तथा गीता कोठे को एक लाख रुपये दान करने के लिए सम्मानित किया गया। पूर्व सैनिकों के मेधावी बच्चों को भी मुख्यमंत्री द्वारा प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। प्रस्तावना जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर आनंद पाथरकर ने दी। संचालन संजय कुमार केवटे ने किया और आभार मेजर पंढरी चव्हाण ने व्यक्त किया।






