नागपुर. नागपुर विश्वविद्यालय की ग्रीष्म सत्र परीक्षाएं 18 मार्च से शुरू होने जा रही हैं. इस बार परीक्षा 5 से 6 चरणों में ली जाएगी. इस दौरान विविध पाठ्यक्रमों की करीब 1,100 परीक्षाएं ली जाएंगी. परीक्षा के संबंध में सभी केंद्र प्रमुखों को दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं.
परीक्षा के संबंध में नियोजन के लिए शुक्रवार को अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई. परीक्षा भवन में हुई बैठक में प्र-उपकुलपति प्रा. संजय दुधे, परीक्षा व मूल्यमापन मंडल संचालक प्रफुल्ल साबले, उपकुलसचिव नवीन मुंगले, मोतीराम तडस, नितिन कडबे, डीएस पवार उपस्थित थे. परीक्षा के लिए 4 जिलों में कुल 133 केंद्र निर्धारित किए गए हैं. इनमें नागपुर शहर में 35, ग्रामीण 36, भंडारा 20, गोंदिया 17 तथा वर्धा जिले में 25 केंद्र बनाए गए हैं.
पहले चरण में प्रमाणपत्र व डिप्लोमा परीक्षाएं होंगी, जबकि स्नातक पाठ्यक्रम की परीक्षा 26 मार्च, स्नातकोत्तर की 8 अप्रैल और पूरक परीक्षा 15 अप्रैल से शुरू होगी. सभी पाठ्यक्रम की परीक्षाएं मई के अंतिम सप्ताह तक पूर्ण करने के निर्देश दुधे ने दिए हैं. परीक्षा के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होने के लिए केंद्र प्रमुखों को सतर्क और सजग रहने के निर्देश दिए गए हैं. सुरक्षा के मद्देनजर केंद्र प्रमुखों को ही खुद ही लॉगिन कर प्रश्नपत्रिका डाउनलोड करने के लिए कहा गया है. किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. छात्रों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था, स्वच्छता गृह सहित गर्मी से बचने के लिए कूलर व पंखों की व्यवस्था करने के लिए भी कहा गया है. बैठक में चारों जिलों के प्राचार्य व केंद्र प्रमुख उपस्थित थे.
परीक्षा की दृष्टि से विश्वविद्यालय की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. परीक्षा के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए विविध दस्ते भी बनाए गए हैं. परीक्षा भवन से केंद्रों पर मॉनिटरिंग भी की जाएगी. किसी भी गड़बड़ी के लिए केंद्र अधिकारी जिम्मेदार रहेंगे.
– प्रा. प्रफुल साबले, संचालक परीक्षा मंडल